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साउथ अफ्रीका सीरीज में कोच गौतम के वो 5 'ओवर', ज‍िससे गंभीर हुई टीम इंड‍िया की हालत

25 साल बाद टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के हाथों अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है. 2 मैचों की इस सीरीज का आगाज 14 नवंबर से कोलकाता में हुआ था. उम्मीद थी कि भारत अपने घर में ये सीरीज जीतकर वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में अपनी दावेदारी को और मजबूत करेगा. लेकिन...

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टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Photo: ITG)
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Photo: ITG)

25 साल बाद टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका के हाथों अपने घर में टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी है. 2 मैचों की इस सीरीज का आगाज 14 नवंबर से कोलकाता में हुआ था. उम्मीद थी कि भारत अपने घर में ये सीरीज जीतकर वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप में अपनी दावेदारी को और मजबूत करेगा. लेकिन इसका बिलकुल उलटा हुआ. पहले भारत को कोलकाता में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद गुवाहाटी में खेले गए दूसरे टेस्ट में तो और बुरा हाल हुआ और भारत को बड़ी करारी हार का सामना करना पड़ा. 

हालांकि, ये पहली बार नहीं हुआ है जब टीम इंडिया को अपने घर में इस तरह की हार मिली हो. इससे पहले न्यूजीलैंड की टीम ने भी गंभीर की कोचिंग में ही भारत को उसके घर में 3-0 से टेस्ट सीरीज हराई थी. आखिर अपने ही घरेलू मैदानों पर भारत की इस तरह की हार के क्या कारण हैं? कोच गंभीर के आखिर वो कौन से प्रयोग हैं जो टीम पर भारी पड़ रहे हैं. ऐसे ही 5 ओवर यानी 5 कारणों के बारे में हम आपको बता रहे हैं...

गंभीर का ओवर एक्सपेरिमेंट पड़ा भारी  

इस हार के बाद सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में हैं कोच गंभीर. जिनके कुछ प्रयोग टीम इंडिया पर भारी पड़ रहे हैं. इसमें सबसे प्रमुख है खिलाड़ियों के साथ खूब एक्सपेरिमेंट. जब से गंभीर कोच बने हैं उन्होंने खिलाड़ियों की पोजिशन और टीम में खूब बदलाव किए हैं. इस सीरीज में भी गंभीर ने खूब प्रयोग किए. सुंदर को कभी तीन नंबर पर भेजा तो कभी आठवें नंबर पर. टीम सेलेक्शन पर भी सवाल खड़े हुए. बल्लेबाजों के बैटिंग क्रम निश्चित ही नहीं रहे. जिसका खामियाजा टीम को भुगतना पड़ा.   

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ओवर कॉन्फिडेंस

अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता टेस्ट हो या गुवाहाटी में खेला गया मैच. हार का एक कारण टीम का ओवरकॉन्फिडेंस भी रहा. गंभीर एंड कंपनी ने शुरुआत से ही साउथ अफ्रीका को हल्के में लिया. कोलकाता में ऐसी पिच तैयार की जो स्पिन फ्रैंडली थी. लेकिन खुद स्पिन की तैयारी नहीं की. नतीजा ये हुआ की अफ्रीका ने तो स्पिन अटैक को सह लिया लेकिन भारतीय बल्लेबाज हार्मर और केशव के सामने ढह गए. 

कोलकाता में जब भारत को 124 रनों का लक्ष्य मिला तो टॉप आर्डर ने अपने विकेट थ्रो कर दिए. उन्हें लगा ये बहुत छोटा टोटल है. लेकिन फिर टीम ताश के पत्तों की तरह बिखर गई. यही हाल गुवाहाटी में भी हुआ. गेंदबाजों ने कोई होम वर्क नहीं किया. नतीजा ये हुआ कि वह दोनों पारियों में साउथ अफ्रीकी बल्लेबाजों को आउट ही नहीं कर पा रहे थे. 

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ओवर ऑलराउंडर्स का प्रयोग भी रहा फेल होने का कारण

गौतम गंभीर ने इस टीम में ओवर ऑलराउंडर्स को तरजीह दी. नतीजा ये हुआ की नीतीश रेड्डी न गेंदबाजी में चले और न ही गेंदबाजी में. वह कोई रोल अदा नहीं कर सके. वहीं, वॉशिंगटन सुंदर पहले टेस्ट में मानो केवल बैटर के रूप में खेलते दिखे. टीम में स्पेशलिस्ट गेंदबाजी और बल्लेबाजी का रोल बहुत सीमित दिखा. ये हाल केवल टेस्ट तक नहीं अब वनडे और टी20 में भी दिख रहा है. टीम मैनेजमेंट 9 नंबर तक बल्लेबाजी चाहता है. जिसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है.

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ओवर अटैकिंग एप्रोच

ये एक ऐसा कारण है जिसपर टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों दोनों को सोचना होगा. कोलकाता में भी एक समय गेम बिलकुल भारत के हाथ में था. लेकिन ध्रुव जुरेल हों या यशस्वी या फिर पंत. सभी ने बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में अपना विकेट थ्रो किया. अक्षर भी जिस ओवर में आउट हुए उस ओवर में 15 रन से ज्यादा आ गए थे. लेकिन फिर भी वो छक्का मारने गए और आउट हुए. यही हाल गुवाहाटी में रहा. टीम को ड्रॉ के लिए धैर्य की दरकार थी. लेकिन हर खिलाड़ी बाउंड्री मारने की कोशिश में था. दोनों मैच देखकर लगा मानो टीम इंडिया डिफेंस करना ही भूल गई है.

ओवर यंगस्टर्स, अनुभव की कमी

गंभीर युग में टीम इंडिया की टेस्ट टीम में कोई अनुभवी बल्लेबाज नहीं है. जिसके पास टेस्ट खेलने का क्लास हो. हैरानी होगी की दोनों टेस्ट में सबसे ज्यादा गेंदें कुलदीप यादव और वॉशिंगटन सुंदर ने खेली हैं, जो प्रॉपर बैटर नहीं हैं. इसके अलावा बल्लेबाजों को 50 गेंद भी डिफेंस करने में आफत आई. विकेट को बचाना, डिफेंस दिखाना और साझेदारी करना ये टेस्ट क्रिकेट की सबसे जरूरी चीज है.लेकिन इस टीम में वो मिस दिखा. 

कोई भी बैटर नहीं दिखा जो पिच पर टाइम ले. अनुभव दिखा ही नहीं. यही कारण रहा की जब गुवाहाटी में भारत को हार मिली तो लोगों को रोहित, विराट और पुजारा जैसे खिलाड़ी याद आए. लोगों ने सरफराज और करुण नायर को भी लाने की बात कही. 

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