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हमारे सौर मंडल में कहां मौजूद हैं एलियन... नासा-यूरोपीय एजेंसी कई जगहों पर खोज रही है

हमारे सौर मंडल में मंगल, शुक्र और शनि-बृहस्पति के चंद्रमा (एनसेलेडस, यूरोपा, टाइटन) पर एलियन जीवन हो सकता है. मंगल पर पहले पानी था, शुक्र के बादलों में सूक्ष्मजीव हो सकते हैं. चंद्रमाओं पर समुद्र हैं. नासा और ईएसए के मिशन इनकी खोज कर रहे हैं. सेरेस जैसे बौने ग्रह भी उम्मीद जगाते हैं.

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नासा और अन्य स्पेस एजेंसियां लगातार ये पता कर रहे हैं कि हमारे सौर मंडल में एलियन जीवन कहां है. (Photo: Representational/Getty)
नासा और अन्य स्पेस एजेंसियां लगातार ये पता कर रहे हैं कि हमारे सौर मंडल में एलियन जीवन कहां है. (Photo: Representational/Getty)

क्या आपने कभी आसमान की ओर देखकर सोचा कि क्या वहां कोई और जीव है, जो हमें देख रहा हो? क्या हमारे सौर मंडल में कहीं एलियन लाइफ हो सकता है? वैज्ञानिकों का जवाब है—हां! हमारे सौर मंडल में कई जगहें हैं, जहां जीवन की संभावना है. मंगल, शुक्र और बृहस्पति व शनि के चंद्रमाओं पर वैज्ञानिकों की नजर है.

मंगल पर जीवन की संभावना

मंगल ग्रह को हम 'लाल ग्रह' कहते हैं. आज यह ठंडा और रेगिस्तानी है, लेकिन अरबों साल पहले यहां पानी की नदियां और झीलें थीं. पानी जीवन के लिए जरूरी है, इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि मंगल पर पहले सूक्ष्मजीवी (माइक्रोबियल लाइफ) रहे होंगे.

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क्यूरियोसिटी और पर्सिवरेन्स रोवर: नासा के ये रोवर मंगल की चट्टानों का अध्ययन कर रहे हैं. क्यूरियोसिटी की वैज्ञानिक एमी विलियम्स ने बताया कि हम ऐसी जगहों की तलाश कर रहे हैं, जहां पहले जीवन के लिए सही हालात थे- पानी, कार्बन और ऊर्जा. पर्सिवरेन्स रोवर चट्टानों के नमूने इकट्ठा कर रहा है, जिन्हें 'मार्स सैंपल रिटर्न' मिशन धरती पर लाएगा. एक नमूने में प्राचीन सूक्ष्मजीवों के संकेत मिले हैं, जिसका विश्लेषण धरती पर होगा.

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alien in solar system

चुनौतियां: मंगल की सतह अब बहुत ठंडी और शुष्क है. अगर जीवन है, तो शायद मिट्टी के नीचे छिपा हो. लेकिन नमूने धरती पर लाने में समय और पैसा लगेगा. कुछ फंडिंग कटौती की बात चल रही है.

शुक्र पर जीवन की संभावना

शुक्र को धरती का 'जुड़वां भाई' कहते हैं, लेकिन इसकी सतह इतनी गर्म है कि सीसा पिघल जाए. इसकी हवा में सल्फ्यूरिक एसिड के बादल हैं, जो बहुत जहरीले हैं. फिर भी, वैज्ञानिकों को लगता है कि शुक्र के बादलों में, 50-60 किमी ऊंचाई पर सूक्ष्मजीव हो सकते हैं. वहां तापमान और दबाव धरती जैसे हैं.

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फॉस्फीन गैस का रहस्य: 2020 में शुक्र के बादलों में फॉस्फीन गैस मिलने की खबर आई. धरती पर यह गैस ज्यादातर जीवों से बनती है. लेकिन सिग्नल कमजोर था. कुछ वैज्ञानिकों ने इसे डेटा में गलती बताया. फिर भी, यह खोज चर्चा में रही.

मॉर्निंग स्टार मिशन: एमआईटी की प्रोफेसर सारा सीगर इस मिशन की अगुवाई कर रही हैं. यह मिशन शुक्र के बादलों के नमूने लेगा और धरती पर लाकर विश्लेषण करेगा. अगर वहां जीवन मिला, तो यह साबित होगा कि जीवन सिर्फ पानी पर निर्भर नहीं. इससे सौर मंडल में जीवन की खोज का दायरा बढ़ेगा.

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शनि और बृहस्पति के चंद्रमाओं पर जीवन

सौर मंडल के बाहरी हिस्सों में, शनि और बृहस्पति के चंद्रमा वैज्ञानिकों के लिए सबसे रोमांचक हैं. इनमें एनसेलेडस, यूरोपा और टाइटन खास हैं.

एनसेलेडस (शनि का चंद्रमा): यह एक बर्फीला चंद्रमा है, जिसके नीचे विशाल समुद्र है. इसकी सतह से नमकीन पानी के विशाल फव्वारे अंतरिक्ष में उड़ते हैं. नासा के कैसिनी मिशन (2005-2017) ने इन फव्वारों के नमूने लिए. 2023 में 'नेचर' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने बताया कि एनसेलेडस के समुद्र में फॉस्फेट्स हैं, जो जीवन के लिए जरूरी रसायन हैं. पानी, कार्बन और ऊर्जा—जीवन के सारे तत्व यहां मौजूद हैं.

भविष्य के मिशन: नासा और ईएसए एनसेलेडस के फव्वारों से और नमूने लेने की योजना बना रहे हैं, लेकिन ये मिशन अभी शुरुआती चरण में हैं.

यूरोपा (बृहस्पति का चंद्रमा): यूरोपा भी बर्फ से ढका है. इसके नीचे गहरा समुद्र है. बृहस्पति का गुरुत्वाकर्षण इसे गर्म रखता है, जिससे पानी तरल रहता है. समुद्र और चट्टानी सतह का मेल जीवन के लिए सही हालात बना सकता है, जैसे धरती के समुद्री हाइड्रोथर्मल वेंट्स में जीवन.

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मिशन: ईएसए का ज्यूस मिशन (लॉन्च: अप्रैल 2023, पहुंच: जुलाई 2031) और नासा का यूरोपा क्लिपर (लॉन्च: अक्टूबर 2024, पहुंच: 2030) यूरोपा का अध्ययन करेंगे. ये मिशन देखेंगे कि क्या वहां जीवन के हालात हैं.

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टाइटन (शनि का चंद्रमा): टाइटन सौर मंडल का अनोखा चंद्रमा है. यहां धरती की तरह पानी का नहीं, बल्कि मीथेन और इथेन का चक्र है. इसकी सतह पर झीलें, नदियां और समुद्र हैं, लेकिन ये मीथेन से बने हैं. इसकी हवा में नाइट्रोजन और मीथेन है, जो जटिल अणु बना सकते हैं.

कैसिनी और हाइगेंस: कैसिनी मिशन (2004-2017) ने टाइटन की 50 से ज्यादा उड़ानें भरीं. 2005 में हाइगेंस प्रोब टाइटन की सतह पर उतरा. इनसे पता चला कि टाइटन की हवा में जीवन के बुनियादी अणु बन सकते हैं.

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ड्रैगनफ्लाई मिशन: नासा का ड्रैगनफ्लाई (2028 में लॉन्च) एक कार साइज का ऑक्टोकॉप्टर होगा, जो टाइटन पर अलग-अलग जगहों से नमूने लेगा.

सौर मंडल में और कहां हो सकता है जीवन?

  • सेरेस (बौना ग्रह): सेरेस पर बर्फ और चट्टानों के नीचे तरल पानी हो सकता है. नासा के 'डॉन' मिशन (2015) ने इसके चित्र लिए, जो संकेत देते हैं कि वहां जीवन के हालात हो सकते हैं.
  • अन्य चंद्रमा: बृहस्पति के चंद्रमा कैलिस्टो और गैनीमेड पर भी समुद्र हो सकते हैं, लेकिन इनका अध्ययन अभी शुरुआती है.

क्यों है यह खोज रोमांचक?

जीवन की खोज सिर्फ परग्रही जीवों को ढूंढने की बात नहीं. यह हमें बताएगा कि जीवन कैसे शुरू हुआ और क्या यह सौर मंडल में आम है. अगर शुक्र जैसे जहरीले ग्रह पर जीवन मिला, तो यह साबित होगा कि जीवन पानी के बिना भी संभव है. मंगल, एनसेलेडस या यूरोपा पर सूक्ष्मजीव मिलने से हमारी उत्पत्ति की कहानी बदल सकती है.

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पहला 'हैलो' हमें कहना होगा

हमारे सौर मंडल में कई जगहें हैं, जहां जीवन हो सकता है. मंगल की चट्टानों से लेकर शुक्र के बादलों और बृहस्पति-शनि के चंद्रमाओं तक, वैज्ञानिक लगातार खोज कर रहे हैं. अगर वहां जीवन है, तो शायद यह इतना उन्नत नहीं कि हमसे संपर्क करे. इसलिए, हमें ही पहल करनी होगी.

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