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2025 में दुनिया ने झेला तीसरा सबसे गर्म अगस्त... क्लाइमेट चेंज की गंभीर चेतावनी

2025 का अगस्त तीसरा सबसे गर्म महीना रहा, जो जलवायु परिवर्तन की गंभीरता दिखाता है. यूरोप में लू और आग, समुद्र का गर्म होना और चरम मौसमी घटनाओं ने भारत और दुनिया को हिला दिया. उत्सर्जन कम करना ही एकमात्र उपाय है.

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लंदन में बकिंघम पैलेस के सामने धूप से बचने का प्रयास करती महिला. (File Photo: AP)
लंदन में बकिंघम पैलेस के सामने धूप से बचने का प्रयास करती महिला. (File Photo: AP)

2025 का अगस्त पृथ्वी के इतिहास का तीसरा सबसे गर्म महीना रहा. यूरोपीय एजेंसी कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) की रिपोर्ट बताती है कि औद्योगिक काल से पहले (1850-1900) की तुलना में तापमान 1.29 डिग्री सेल्सियस अधिक था. यह चेतावनी है कि क्लाइमेट चेंज तेजी से बढ़ रहा है. 

अगस्त 2025 का तापमान: रिकॉर्ड तोड़

C3S की 9 सितंबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त 2025 में वैश्विक सतह का औसत तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1991-2020 के औसत से 0.49 डिग्री अधिक था. यह 2023 और 2024 के बाद तीसरा सबसे गर्म अगस्त है, जो उनसे सिर्फ 0.22 डिग्री कम था.

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सितंबर 2024 से अगस्त 2025 के 12 महीनों का औसत तापमान औद्योगिक काल से पहले की तुलना में 1.52 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा, जो पेरिस समझौते की 1.5 डिग्री सीमा को पार कर चुका है. यह गर्मी इंसानी गतिविधियों से बनी ग्रीनहाउस गैसों के कारण है.

Third Warm August 2025

C3S की प्रमुख सामंथा बर्गेस ने कहा कि यह गर्मी और आपदाएं उत्सर्जन कम करने की तत्काल जरूरत बताती हैं. जून से अगस्त 2025 की गर्मी तीसरी सबसे गर्म रही.

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यूरोप में लू और आगजनी का कहर

दक्षिण-पश्चिम यूरोप में भयानक लू पड़ी, जिससे स्पेन और पुर्तगाल में जंगलों में आग लग गई. स्पेन में 16 दिनों की लू से 1100 से ज्यादा मौतें हुईं. यूरोप का औसत तापमान 19.46 डिग्री सेल्सियस रहा, जो औसत से 0.30 डिग्री अधिक था.

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गर्मियों में तापमान औसत से 0.90 डिग्री अधिक रहा, जो चौथा सबसे गर्म था. पश्चिमी, दक्षिण-पूर्वी यूरोप और तुर्की सबसे प्रभावित हुए. उत्तरी यूरोप (पोलैंड, बेलारूस, बाल्टिक देश) अपेक्षाकृत ठंडा रहा.

Third Warm August 2025

समुद्र का बढ़ता तापमान

अगस्त 2025 में वैश्विक समुद्र की सतह का तापमान 20.82 डिग्री सेल्सियस रहा, जो तीसरा सबसे गर्म अगस्त है. उत्तर अटलांटिक (फ्रांस और ब्रिटेन के पास) में रिकॉर्ड तापमान रहा. उत्तरी प्रशांत महासागर भी असामान्य रूप से गर्म था. भूमध्यसागर में तापमान पिछले साल जितना चरम नहीं था. समुद्र का गर्म होना पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है. चरम मौसम को और खराब बनाता है.

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चरम मौसमी घटनाएं

दुनिया के कई हिस्सों में चरम मौसम ने तबाही मचाई. यूरोप के पश्चिम और दक्षिण में सूखा पड़ा, जबकि इटली, पूर्वी स्पेन और स्कैंडेनेविया में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई. अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में सूखा रहा, जबकि चीन, जापान, पाकिस्तान, भारत और ब्राजील में भारी बारिश हुई.

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Third Warm August 2025

भारत में बाढ़ और भूस्खलन से जान-माल का नुकसान हुआ. ब्रिटेन, जापान और दक्षिण कोरिया में सबसे गर्म रहा. आर्कटिक में बर्फ 12% कम रही (आठवां सबसे कम), जबकि अंटार्कटिका में 7% कम (तीसरा सबसे कम).

क्लाइमेट चेंज की चेतावनी

यह गर्मी उत्सर्जन कम करने की जरूरत बताती है. C3S ने कहा कि समुद्र का गर्म होना चरम घटनाओं को और विनाशकारी बनाता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर उत्सर्जन न रुका, तो आने वाले साल और गर्म होंगे. पेरिस समझौते का लक्ष्य 1.5 डिग्री सीमा रखना है, लेकिन हम पार कर चुके हैं.

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