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दिल्ली का धुआं हमारे जीवन के 8.2 साल छीन ले रहा, मानक से 22 गुना ज्यादा प्रदूषण

दिल्ली की हवा में PM2.5 प्रदूषण WHO मानक से 22 गुना ज्यादा है, जिससे लोगों की जिंदगी 8.2 साल कम हो रही है. शिकागो विश्वविद्यालय की AQLI 2025 रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. वाहनों, उद्योगों और पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है. इसे रोकने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन, पराली प्रबंधन और हरियाली बढ़ाना जरूरी है.

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ये तस्वीर 27 नवंबर 2024 की है. एक व्यक्ति संसद के सामने दिल्ली की प्रदूषित हवा को लेकर विरोध कर रहा है. (File Photo: PTI)
ये तस्वीर 27 नवंबर 2024 की है. एक व्यक्ति संसद के सामने दिल्ली की प्रदूषित हवा को लेकर विरोध कर रहा है. (File Photo: PTI)

दिल्ली की हवा में फैला प्रदूषण लोगों की जिंदगी को 8.2 साल तक कम कर रहा है. शिकागो विश्वविद्यालय की 'एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (AQLI) 2025' रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. यहां का PM2.5 स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक से 20 गुना ज्यादा है.

2023 में दिल्ली में PM2.5 का औसत स्तर 111.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो WHO के 5 माइक्रोग्राम के मानक से 22 गुना अधिक है. विशेषज्ञों का कहना है कि वाहनों का धुआं, औद्योगिक प्रदूषण और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाना इसकी मुख्य वजहें हैं. 

दिल्ली की हवा: दुनिया में सबसे खराब

AQLI रिपोर्ट जो शिकागो विश्वविद्यालय के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट (EPIC) ने तैयार की, सैटेलाइट डेटा के आधार पर दुनिया और क्षेत्रों में वायु प्रदूषण का विश्लेषण करती है. यह बताती है कि प्रदूषण लोगों की सेहत और जिंदगी पर कितना असर डाल रहा है.

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 Delhi Air Pollution Life Expectancy

2023 में दिल्ली में PM2.5 (2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण) का स्तर 111.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था. WHO का मानक 5 माइक्रोग्राम है यानी दिल्ली की हवा 22 गुना ज्यादा जहरीली है. PM2.5 छोटे कण हैं जो फेफड़ों में गहराई तक पहुंचकर सांस की बीमारियां, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा करते हैं.

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रिपोर्ट कहती है कि अगर यह प्रदूषण स्तर बना रहा, तो दिल्लीवासियों की औसत आयु 8.2 साल कम हो सकती है. यह किसी भी शहर में प्रदूषण से होने वाला सबसे बड़ा जीवन हानि का आंकड़ा है. गंगा के मैदान, जिसमें दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, दुनिया का सबसे प्रदूषित क्षेत्र है. इस क्षेत्र में 60 करोड़ लोग रहते हैं. यहां प्रदूषण से सबसे ज्यादा स्वास्थ्य जोखिम है.

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दिल्ली क्यों डूब रही है जहर में?

दिल्ली की जहरीली हवा के कई कारण हैं, जो स्थानीय और क्षेत्रीय दोनों हैं. विशेषज्ञों ने इन्हें चिन्हित किया है...

  • वाहनों का धुआं: दिल्ली में 1.2 करोड़ से ज्यादा वाहन हैं. डीजल और पेट्रोल वाहनों से निकलने वाला धुआं PM2.5 का बड़ा स्रोत है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, वाहन 30-40% प्रदूषण में योगदान देते हैं.
  • औद्योगिक प्रदूषण: दिल्ली के आसपास की फैक्ट्रियां और थर्मल पावर प्लांट कोयले से चलते हैं, जो सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड छोड़ते हैं. ये PM2.5 में बदल जाते हैं.
  • पराली जलाना: हरियाणा और पंजाब में अक्टूबर-नवंबर में पराली जलाने से दिल्ली की हवा और खराब होती है. 2023 में पराली जलाने से 15-20% PM2.5 बढ़ा (IITM पुणे स्टडी).
  • निर्माण और धूल: दिल्ली में सड़क धूल और निर्माण गतिविधियां 20% प्रदूषण का कारण हैं. बिना ढके मलबे और अनियोजित निर्माण इसका बड़ा स्रोत हैं.
  • अन्य: घरेलू कोयला जलाना, कचरा जलाना और सर्दियों में तापमान गिरने से प्रदूषण बढ़ता है, क्योंकि हवा में नमी कणों को फंसाती है.

 Delhi Air Pollution Life Expectancy

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8.2 साल का नुकसान क्यों?

AQLI की गणना बताती है कि PM2.5 का हर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की वृद्धि जीवन प्रत्याशा को 0.64 साल कम करती है. दिल्ली में PM2.5 स्तर WHO मानक से 106.4 माइक्रोग्राम ज्यादा है, जो 8.2 साल की हानि का कारण है. प्रभाव इस प्रकार हैं...

  • सांस की बीमारियां: अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस और COPD के मामले बढ़े. दिल्ली में 30% बच्चे सांस की समस्या से पीड़ित (लंग केयर फाउंडेशन).
  • हृदय रोग: PM2.5 खून में मिलकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाता है. 2023 में दिल्ली में 20% हार्ट केस प्रदूषण से जुड़े.
  • कैंसर और अन्य: फेफड़ों का कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं. बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा.
  • आर्थिक नुकसान: स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ा. 2023 में भारत में प्रदूषण से 1.36 अरब डॉलर का नुकसान (लैंसेट स्टडी).

 Delhi Air Pollution Life Expectancy

दिल्ली की हवा को साफ कैसे करें?

विशेषज्ञों ने प्रदूषण कम करने के लिए कई उपाय सुझाए हैं, जो तुरंत लागू किए जा सकते हैं...

  • वाहन नियंत्रण: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा, BS-VI मानक लागू करना और पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध. दिल्ली में 2025 तक 25% इलेक्ट्रिक बसें लाने का लक्ष्य.
  • औद्योगिक उत्सर्जन: कोयला आधारित प्लांट्स में FGD (फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन) लगाएं. दिल्ली-NCR में 2024 में 50% प्लांट्स में FGD लागू.
  • पराली जलाने पर रोक: पंजाब-हरियाणा में पराली मैनेजमेंट के लिए सब्सिडी और मशीनें (हैप्पी सीडर). 2023 में 20% कम पराली जलावट.
  • निर्माण नियंत्रण: धूल कम करने के लिए ग्रीन कवर और वॉटर स्प्रिंकलिंग. दिल्ली में 2024 में GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) सख्त.
  • जागरूकता और हरियाली: पेड़ लगाना, कचरा जलाने पर रोक और जनता को जागरूक करना. दिल्ली में 2023 में 1 करोड़ पेड़ लगाए गए (DDA डेटा).
  • क्षेत्रीय सहयोग: पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर एयरशेड मैनेजमेंट. दिल्ली-NCR में एकीकृत नीति बनाना.

AQLI 2025 की रिपोर्ट दिल्ली के लिए खतरे की घंटी है. 8.2 साल की जीवन हानि कोई छोटी बात नहीं. दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है. इसका समाधान तुरंत चाहिए. अगर PM2.5 को WHO मानक (5 माइक्रोग्राम) तक लाया जाए, तो दिल्लीवासियों की जिंदगी 8 साल बढ़ सकती है.

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सरकार, उद्योग और जनता को मिलकर वाहन, पराली और उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को रोकना होगा. यह केवल दिल्ली की नहीं, बल्कि पूरे इंडो-गंगा मैदान की सेहत का सवाल है. समय कम है, लेकिन सही कदमों से दिल्ली की हवा को साफ किया जा सकता है.

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