नवरात्र में चौथे दिन मां कुष्मांडा का पूजन होता है. अपनी हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड (अंड) को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा हुआ. ये अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं. मां की आठ भुजाएं हैं. अतः ये अष्टभुजा देवी के नाम से भी विख्यात हैं. आइए जानते हैं मां कु्ष्मांडा की पूजन विधि क्या है और इनकी उपासना से कैसे स्वास्थ्य और व्यापार में तरक्की मिल सकती है.
देवी कुष्मांडा की महिमा और महत्व क्या है?
- नवरात्रि के चतुर्थ दिन शक्ति कुष्मांडा की पूजा अर्चना की जाती है. अपनी हल्की हंसी से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इनका नाम कुष्मांडा पड़ा.
- देवी कुष्मांडा कुंडली में नीच के बुध को नियंत्रित करती हैं तथा अनाहत चक्र को नियंत्रित करती है
- मां कुष्मांडा को कुम्हड़ा विशेष रूप से प्रिय होने के कारण भी इनका नाम कुष्मांडा पड़ा
- देवी कुष्मांडा की पूजा अर्चना करके नौकरी व्यापार तथा नाक कान गले से संबंधित बीमारियां दूर होती है
- देवी कुष्मांडा की विशेष पूजा से वाणी प्रभावित होती है और आपकी वाणी द्वारा कार्य सिद्ध होता है
देवी कुष्मांडा की पूजा से बच्चों को उन्नति
- घर की उत्तर दिशा में देवी कुष्मांडा की हरा वस्त्र बिछाकर विधिवत पूजा करें
- उन्हें रोली मोली चावल धूप दीप चंदन अर्पण करें
- स्वयं भी हरे वस्त्र धारण करें तथा उन्हें पूजन में हरी इलायची सौंफ और कुम्हड़ा अर्पित करें
- तत्पश्चात देवी के महामंत्र ॐ कुष्मांडा देवये नमः मंत्र का 3 या 5 माला जाप करें
- जाप के बाद मिट्टी के दीए में देसी कपूर रखकर उस पर दो लौंग रखकर जलाएं
- देवी कुष्मांडा का ध्यान करके कपूर में जली लौंग का तिलक बच्चे को करें
- तथा बच्चों को प्रसाद के रूप में इलायची का सेवन कराएं
- ऐसा करने से बच्चों की हर तरीके से उन्नति होगी
कैसे मिलेगी व्यापारिक सफलता?
- अपने घर की उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके देवी कुष्मांडा की पूजा अर्चना करें
- भीगी हुई पांच मुट्ठी हरी साबुत मूंग तथा मालपुआ देवी कुष्मांडा को अर्पण करें
- देवी कुष्मांडा के सामने धूप दीप जलाएं तथा तांबे के लोटे में जल भरकर रखें
- या देवी सर्वभूतेषु कुष्मांडा रूपेण संस्थिता. नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः, इस मंत्र का 108 बार जाप करें जाप के बाद हरी साबुत मूंग पक्षियों को डालें तथा मालपुए का प्रसाद छोटी कन्याओं को बाटें
- ऐसा करने से व्यापारिक सफलता मिलेगी तथा व्यापार में फंसा हुआ धन भी निकल आएगा
रात्रि का महाउपाय देवी कुष्मांडा देंगी महावरदान
- रात्रि 10:00 बजे के बाद हरे वस्त्र धारण करके हरे आसन पर बैठें
- गाय के घी का दिया जला कर ॐ बुं बुधाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें
- देवी कुष्मांडा को सौंफ और मिश्री का भोग लगाएं
- जाप के बाद सौंफ और मिश्री का सेवन करें ऐसा करने से वाणी विकार और हकलाने की समस्याएं दूर होंगे