वन्दनवार कुछ विशेष पत्तों, या चीज़ों से बनी हुयी झालर होती है. इसको आम तौर पर घर के मुख्य द्वार पर लटकाया जाता है. यह अत्यंत शुभ होता है , अतः पर्व , त्यौहार या मांगलिक कार्यों में इसको लगाना जरूरी होता है. इसको मुख्य द्वार पर लगाने से यह माना जाता है कि , घर में कोई नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती. साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.
कैसे बनता है वंदनवार?
- वन्दनवार आम के या अशोक के पत्तों से बनाया जाता है
- पत्तों को पीले सूत या सूत की रस्सी में, एक सीध में बाँध देते हैं
- कुछ लोग कौड़ियों या नारियल के रेशों का वन्दनवार भी बनाते हैं
- इसको घर के मुख्य द्वार पर इस तरह लटकाते हैं कि आते जाते यह सर को स्पर्श करे
- अगर इसको मंगल कार्य के होने पर बांधते हैं तो अगले मंगल कार्य तक इसको नहीं हटाते
- अगर नियमित रूप से बांधे रखते हैं तो इसको हर माह बदल देना चाहिए
अलग अलग तरह के वन्दनवार के लाभ क्या हैं?
- आम के पत्तों के वन्दनवार से घर में खुशहाली बनी रहती है
- अशोक के पत्तों के वन्दनवार से घर में आर्थिक सम्पन्नता आती है
- कौड़ी या सीप के वन्दनवार से तांत्रिक क्रियाएँ और नकारात्मक ऊर्जा असर नहीं करती
- नारियल के रेशों के वन्दनवार से घर के कर्जे और बीमारियां दूर होती हैं
साभार................
शैलेन्द्र पाण्डेय - ज्योतिषी