Neem Karoli Baba: उत्तराखंड के नैनीताल स्थित कैंची धाम वाले नीम करोली बाबा को 20वीं सदी के सबसे महान संतों में गिना जाता है. लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार मानकर पूजते थे. कहते हैं कि बाबा के चमत्कार आज भी लोगों को याद हैं और उनकी शिक्षाएं वर्तमान में भी उनका मार्गदर्शन कर रही हैं. नीम करोली बाबा ने अपने भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त की अपार शक्ति का रहस्य बताया था. कहते हैं कि इस अबूझ मुहूर्त में एक विशेष उपाय करने से बहुत लाभ मिलता है.
नीम करोली बाबा का कहना था कि प्रत्येक व्यक्ति को रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में जागना चाहिए. यह समय सुबह तकरीबन 4 बजे से लेकर सुबह 5:30 बजे के बीच रहता है.
ब्रह्म मुहूर्त का महत्व
नीम करोली बाबा बताते थे कि ब्रह्म मुहूर्त में ब्रह्मांड की ऊर्जा सबसे अत्यंत प्रभावशाली रूप में पृथ्वी पर उतरती है. इसका लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलता है जो इस समय सक्रिय होते हैं. जब यह ऊर्जा हमारे मन और शरीर में प्रविष्ट होती है, तो हमारी तार्किक, वैचारिक शक्ति को बल मिलता है. हमारी कार्य कुशलता में अधिक निखार आता है.
ब्रह्म मुहूर्त में करें यह उपाय
नीम करोली बाबा के अनुसार, रोजाना ब्रह्म मुहू्र्त में उठकर कुछ देर मौन रहकर अपने भीतर की अनुभूति पर ध्यान देना चाहिए. इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और जीवन में उन्नति के द्वार खुलते हैं. कहा जाता है कि हमारी हथेलियों के अग्र भाग में देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए इन्हें देखने से हमें साक्षात ईश्वर के दर्शन हो जाते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में अपनी हथेलियों को निहारने से व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत बनती है.
ब्रह्म मुहूर्त में अपनी हथेलियों को देखते हुए आपको 'करग्रे वसति लक्ष्मीः, कर मध्ये सरस्वती, करमूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनम्।' मंत्र का जाप भी करना चाहिए. जो लोग ब्रह्म मुहूर्त में इस उपाय के साथ अपने दिन की शुरुआत करते हैं. उन पर देवी-देवताओं, ईष्ट देवों, पितरों और खासतौर से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
ब्रह्म मुहूर्त में दान-स्नान की भी विशेष महिमा बताई गई है. इस शुभ मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में जाकर आस्था की डुबकी जरूर लगाएं. और फिर अपने सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को दान-दक्षिणा दें. यह काम हर महीने की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर किया जा सकता है.