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Janmashtami 2025 Shubh Muhurat: इस शुभ मुहूर्त में कराएं श्रीकृष्ण का खीरे से जन्म, जानें पंचामृत स्नान की पूरी विधि

Janmashtami 2025 Shubh Muhurat: जन्माष्टमी की सबसे खास विधियों में से एक है मध्यरात्रि को बाल गोपाल का पंचामृत से स्नान कराना. जिसका मुहूर्त देर रात 12 बजकर 04 बजे से शुरू होगा और इसका समापन रात 12 बजकर 45 पर होगा. इसी दौरान कान्हा की पूजा करने के लिए आपको करीब 43 मिनट का समय मिलेगा. इसी शुभ मुहूर्त में आपको कान्हा का जन्म कराने के बाद उनका पंचामृत स्नान कराना होगा.

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कृष्ण जन्माष्टमी 2025 (File Photo: AI Generated)
कृष्ण जन्माष्टमी 2025 (File Photo: AI Generated)

Janmashtami 2025 Shubh Muhurat: आज पूरे देश में बड़े धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी के दिन भक्त लोग पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की खास पूजा करते हैं. जन्माष्टमी की सबसे खास पूजन विधियों में से एक है मध्यरात्रि को बाल गोपाल का पंचामृत से स्नान कराना और खीरे से जन्म. माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में रोहिणी नक्षत्र के दौरान हुआ था इसलिए जन्माष्टमी की रात मध्यरात्रि में लड्डू गोपाल को पंचामृत स्नान करवाया जाता है. तो चलिए जानते हैं कि जन्माष्टमी की रात किस तरह से लड्डू गोपाल को पंचामृत स्नान करवाया जाता है.

ऐसे कराएं खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म

जन्माष्टमी की रात खीरे का डंठल काटने की प्रक्रिया बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाती है जिसके बिना श्रीकृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है. खीरे के डंठल काटने की इस प्रक्रिया को 'नाल छेदन' कहा जाता है और ठीक इसी तरह बच्चे को भी गर्भनाल काटकर जन्म दिया जाता है. 

जन्माष्टमी की रात ठीक 12 बजे या शुभ मुहूर्त के समय इस विधि को संपूर्ण किया जाता है. पूजा में रखे गए खीरे को सबसे पहले स्नान कराएं. फिर एक सिक्के से खीरे का डंठल काटें, जैसे कि नाल काटकर शिशु जन्म ले रहा हो. उसके बाद खीरे को हल्का सा चीरकर उसमें से छोटे कान्हा की मूर्ति निकालें. और फिर जोर जोर से 'जय कन्हैया लाल की' जयकारा लगाएं. 

इस शुभ मुहूर्त में कराएं लड्डू गोपाल का जन्म (Krishna Janmashtami 2025 Shubh Muhurat)

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त आज मध्यरात्रि देर रात 12 बजकर 04 बजे से शुरू होगा और इसका समापन रात 12 बजकर 45 पर होगा. इसी दौरान कान्हा की पूजा करने के लिए आपको करीब 43 मिनट का समय मिलेगा. इसी शुभ मुहूर्त में आपको कान्हा का जन्म कराने के बाद उनका पंचामृत स्नान कराना होगा.

जन्माष्टमी पर बाल गोपाल के पंचामृत स्नान की पूरी प्रक्रिया (Janmashtami 2025 Panchamrit Snan Vidhi)

स्टेप-1: लड्डू गोपाल की पूजा शुरू करने के लिए, पहले उन्हें पालने में लिटाएं और हल्के हाथों से मालिश करें. इसके बाद, उन्हें स्वच्छ जल से स्नान कराएं. 

स्टेप-2: इसके बाद दन पाउडर और पानी मिलाकर एक सुगंधित लेप बनाएं. इस लेप को लड्डू गोपाल के पूरे शरीर पर हल्के हाथों से लगाएं. यह प्रक्रिया भगवान को शीतलता और सौंदर्य प्रदान करने के लिए की जाती है. 

स्टेप-3: अब दो स्वच्छ बर्तन लें और एक में लड्डू गोपाल को बिठाएं. दूसरे बर्तन में स्नान के लिए पानी भरें और उसमें गंगाजल और तुलसी पत्र मिलाएं. इस पवित्र जल से लड्डू गोपाल का स्नान कराएं और इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करें.

स्टेप-4: अब भगवान का पंचामृत स्नान कराएं. सबसे पहले कच्चे दूध से स्नान करें, फिर दही, उसके बाद शहद, फिर शक्कर और अंत में गंगाजल से स्नान पूर्ण करें. यह प्रक्रिया भगवान की पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. 

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स्टेप-5: स्नान के बाद, बाल गोपाल को गुलाब के फूल चढ़ाएं. उन्हें सुंदर और स्वच्छ वस्त्र पहनाएं, और सिर पर मोरपंख वाली पगड़ी सजाएं. हाथ में बांसुरी दें और इस तरह भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को सजाकर पूजन पूर्ण करें और उनकी आरती उतारें.

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