Diwali 2025 Date: पूरे देश में दीपावली की बड़ी ही जोरो शोरों से तैयारियां चल रही हैं. इस बार दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है. इस दिन संध्या और रात्रि के समय शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता भगवान गणेश और माता सरस्वती की पूजा और आराधना की जाती है.
वहीं, ज्योतिषियों और वैज्ञानिकों के नजरिए से सालों बाद इस बार दिवाली बहुत ही खास मानी जा रही है. दरअसल, दिवाली पर ग्रहों की आसमानी आतिशबाजी से लेकर कई शुभ संयोगों का निर्माण होने जा रहा है. माना जा रहा है कि इन सभी दुर्लभ संयोगों का प्रभाव मानव जीवन और देश-दुनिया पर भी पड़ेगा. तो चलिए जानते हैं कि 10 अक्टूबर से लेकर 21 अक्टूबर तक कौन कौन से संयोगों का निर्माण होगा.
दिवाली से पहले आसमान में होगी खगोलीय हलचल
साइंटिस्ट मनीष पुरोहित के मुताबिक, दिवाली से पहले कई सारी खगोलीय घटनाएं होने वाली हैं. जिसमें सबसे पहले 6 अक्टूबर को आसमान में सुपरमून दिखा था. उसके बाद 10 अक्टूबर को चंद्रमा-सेवन सिस्टर्स का मिलन हुआ था, करीब 1 हजार तारों का समूह है सेवन सिस्टर्स. 15 अक्टूबर को ट्रांयगुलर गैलेक्सी के दर्शन होंगे.
इसके अलावा, 19 अक्टूबर को चंद्र शुक्र एक साथ होंगे और माना जा रहा है कि 19 अक्टूबर को शुक्र मॉर्निंग स्टार के रूप में चमकेगा. वहीं, दिवाली की रात ये सभी खगोलीय संयोग अपनी चरम सीमा पर होंगे. वहीं, 21 अक्टूबर की रात चंद्रमा उल्टापिंडों के बीच चमकेगा. माना जा रहा है कि यह आसमानी उथल-पुथल 6 अक्टूबर से लेकर 27 नवबंर तक रहेगी यानी करीब डेढ़ महीने तक.
अक्टूबर की खगोलीय घटना के बीच होंगे ये राशि परिवर्तन
ज्योतिषाचार्य प्रतीक भट्ट के मुताबिक, दिवाली से पहले 17 अक्टूबर को सूर्य राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. इसके अलावा, धनतेरस से पहले 12 अक्टूबर को गजकेसरी योग का निर्माण हुआ, जो कि चंद्रमा-गुरु की युति से बनेगा. धनतेरस पर 18 अक्टूबर को गुरु कर्क राशि में प्रवेश करेंगे.
दिवाली से ठीक 1 दिन पहले 19 अक्टूबर को कन्या राशि में शुक्र चंद्रमा की युति से वैभव लक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा. आसमान में बनने जा रहे ये सभी शुभ संयोग और बदलाव अगले डेढ़ महीने लोगों के जीवन में पैसा, धन, वैभव, सुख-सुविधा लेकर आ रहा है.
खगोलीय संयोगों का मानव जीवन पर प्रभाव
19 अक्टूबर को चंद्रमा और शुक्र एक ही राशि कन्या में होंगे. यह संयोग आपकी पर्सनैलिटी में निश्चित रूप से एक नई चमक और आकर्षण लेकर आएगा. इस समय आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा, जिससे आपके विचार और व्यवहार दोनों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे. इसके अलावा, यह समय उन लोगों के लिए भी शुभ रहेगा, जिनके सरकारी या प्रशासनिक काम पिछले समय में रुके हुए थे.
इसके अलावा, चंद्रमा हमारे मन का कारक होता है और शुक्र विवेक का कारक होता है. इसलिए, 19 अक्टूबर को रिसर्च और शेयर मार्केट के क्षेत्र से जुड़े लोगों को बढ़ोतरी निश्चित रूप से देखने को मिलेगी.
दिवाली 2025 पूजन मुहूर्त (Diwali 2025 Pujan Muhurat)
20 अक्टूबर को लक्ष्मी-गणेश पूजन का पूजन मुहूर्त शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इसी अवधि को प्रदोष काल और स्थिर लग्न का संयोग भी कहा गया है, जो मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जा रहा है. यानी लोगों के पास लक्ष्मी-गणेश पूजन के लिए करीब 1 घंटा 11 मिनट का समय रहेगा.