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स्टडी वीजा पर रूस गए भारतीय युवाओं को जबरन सेना में भर्ती कर जंग में उतारा, परिवार ने लगाई सरकार से गुहार

पढ़ाई या नौकरी के लालच में रूस पहुंचे दर्जनों भारतीय युवाओं को वहां धोखे से रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन युद्धक्षेत्र पर भेज दिया गया है. पीड़ित परिवार ने केंद्र सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की गुहार लगाई है. वहीं, विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मुद्दे पर रूस से बातचीत तेज कर दी है, लेकिन परिवारों का डरा हुआ है.

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भारतीय युवाओं ने लगाई मदद की गुहार. (Photo: Screengrab)
भारतीय युवाओं ने लगाई मदद की गुहार. (Photo: Screengrab)

पढ़ाई और नौकरी के लिए रूस गए भारतीय युवाओं को जबरन रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन सीमा पर भेजने का मामला सामने आया है. बीकानेर जिले के पीड़ित परिवार ने खुलासा करते हुए बताया कि उनका बेटा अजय कुमार गोदारा पिछले साल नवंबर 2024 में पढ़ाई के उद्देश्य से रूस गया था, लेकिन अब वह और उसके साथी रूस-यूक्रेन युद्ध में बंधक जैसी स्थिति में फंस चुके हैं. परिवार इस मामले में भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मुद्दे पर रूस से बातचीत तेज कर दी है, लेकिन परिवारों का डरा हुआ है.

राजस्थान स्थित बीकानेर जिले के अर्जनसर स्टेशन निवासी महावीर प्रसाद गोदारा ने बताया उनका बेटा 28 नवंबर 2024 को स्टडी वीजा पर पढ़ाई के लिए रूस गया था.

'युवाओं से छीने डॉक्यूमेंट'

उन्होंने दावा किया कि वहां पहुंचने के कुछ ही वक्त बाद उसकी मुलाकात एक महिला से हुई, जिसने भरोसा दिलाया कि वह उन्हें सेना में नौकरी दिलवा सकती है. उसने अजय और उसके साथियों को रूसी भाषा में छपे कुछ डॉक्यूमेंट भरवाए और उनपर साइन करा लिए. इसके बाद उन्हें सेना की वर्दी थमा दी गई और हथियार पकड़ाकर यूक्रेन सीमा पर भेज दिया गया.

परिवार को मिली जानकारी के अनुसार, अजय और उसके साथियों को लगातार धमकियों और मारपीट के जरिए दबाव में रखा गया. उनकी निजी पहचान से जुड़े डॉक्यूमेंट भी छीन लिए गए हैं, ताकि वे कहीं शिकायत न कर सकें.

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फंसे हैं तीस से ज्यादा युवा

परिवार ने दावा किया कि अजय यूक्रेनी सीमा पर फंसने वाले अकेले नहीं हैं, उसके साथ हरियाणा और राजस्थान के करीब 30 से ज्यादा युवा हैं. इन सभी को जबरन सेना में भर्ती कराया गया है.

सूत्रों के अनुसार, सभी को सीमा पर तैनात कर दिया गया है और उनके पास न तो घर लौटने का रास्ता है और न ही खुद को बचाने का कोई जरिया.

राजस्थान सरकार से केंद्र तक गुहार

वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान के खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से संपर्क किया और इस पर मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की अपील की. इसके बाद मेघवाल ने विदेश मंत्रालय को ईमेल कर मास्को स्थित भारतीय दूतावास को घटना की पूरी जानकारी दी. भारतीय दूतावास ने इस ईमेल का जवाब देते हुए कहा है कि जल्द ही जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

दिल्ली में गुहार लगा रहे हैं परिजन

अजय गोदारा का भाई प्रकाश गोदारा पिछले कई दिनों से दिल्ली में है और लगातार केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहा है. उसने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल समेत कई वरिष्ठ नेताओं से मिलकर अपने भाई और अन्य युवाओं को बचाने की गुहार लगाई है.

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प्रकाश ने कहा, 'ये केवल अजय की समस्या नहीं है, दर्जनों भारतीय युवा रूस की सेना में फंसे हैं. हम चाहते हैं कि भारत सरकार तुरंत रूस से बातचीत कर हमारे बच्चों को सुरक्षित वापस लाए.'

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