बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर पर राजनीतिक विवाद गहरा गया है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के तहत गरीब, दलित, मुसलमान और प्रवासी वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि चुनाव आयोग ने इसे फर्जी और दोहरी प्रविष्टियों को हटाने की संवैधानिक प्रक्रिया बताया.