उत्तराखंड के नीलकंठ पर्वत पर स्वयं भगवान शिव विराजते हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां पर महादेव आज भी तपस्यालीन है. भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए भक्त हजारों फीट की चढ़ाई कर स्वयं को धन्य मानते हैं.