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कहां हैं केजरीवाल? सीएम पद छोड़कर आम आदमी बनने में कितने कामयाब रहे हैं AAP सुप्रीमो ! opinion

दिल्ली का मुख्‍यमंत्री पद छोड़ने के बाद अरविंद केजरीवाल अब उतनी लाइम लाइट, या कहें कि खबरों में नहीं हैं. लेकिन, इतना जरूर है कि वे और उनकी पार्टी AAP दिल्ली में हर गली-चौबारे में पहुंच रहे हैं. इसी बीच मुख्‍यमंत्री आवास में की गई शाहखर्ची पर सवाल जरूर उठ रहे हैं. इन तमाम बातों के बीच यह सवाल तो बनता ही है कि क्‍या उनका सीएम पद छोड़ना कारगर रहा है?

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी फैमिली के साथ माता वैष्णो देवी का दर्शन करने पहुंचे
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी फैमिली के साथ माता वैष्णो देवी का दर्शन करने पहुंचे

आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से भी खुद को मुक्त कर चुके हैं. राजनीतिक सुर्खी बनाने से दूर रहकर पूरा ध्यान वे अपनी खोई हुई लोकप्रियता और राजनीतिक ताकत को फिर से हांसिल करने पर लगा रहे हैं. वह न केवल जनता के बीच पहुंच रहे हैं बल्कि धरम करम में भी अपना मन रमा रहे हैं. अभी 21 अक्‍टूबर को ही वो माता वैष्णो देवी का दर्शन करने वो जम्मू पहुंचे हुए थे. इसके पहले वाल्मीकि जयंती पर दिल्ली में वाल्मीकि मंदिर में माथा टेकते नजर आए थे. इस बीच भारतीय जनता पार्टी भी पूर्व सीएम की आम आदमी वाली छवि को लगातार डेंट करने पर लगी हुई है. हर रोज उनके ऐसे कारनामें उजागर किए जा रहे हैं जिनसे जनता के बीच उनकी छवि आम आदमी के बजाए जनता के पैसे पर राज करने वाले एक खास आदमी की बन कर रह जाए. 

1-केजरीवाल लोगों से मिल रहे हैं, ये भविष्य में फायदेमंद हो सकता है

अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद छोड़ने के बाद अपने पुराने एक्टिविस्ट वाले रूप में आ चुके हैं. वो हर रोज जनता के बीच पहुंच रहे हैं और केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हैं कि उन्हें दिल्ली में काम करने से रोका गया. उन्होंने जो काम दिल्ली के लिए शुरू किया था उसे रोक दिया गया. वो अपनी पदयात्राओं में लोगों से मिलते हैं और उन्हें समझाते हैं कि अगर BJP विधानसभा चुनाव जीतती है तो मुफ्त वाली योजनाएं बंद हो जाएंगी. इसके साथ ही उनकी पार्टी के लोग उनके लिखे पत्र को लेकर आम लोगों से मिल रहे हैं. दिल्ली मंत्रिमंडल के लोग और पार्टी के अन्य नेता हर घर में पहुंच रहे हैं.

आम आदमी पार्टी के नेता आम लोगों को बताते हैं कि जैसे ही अरविंद केजरीवाल जेल में गए, दिल्ली के सभी काम जो जनता के हित के थे उन्हें केंद्र सरकार ने रोक दिया. अस्पतालों में दवाइयां खत्म की गईं. यहां तक की मोहल्ला क्लीनिक में टेस्ट भी बंद कर दिए गए. बुजुर्गों की पेंशन रोक दी गई और तो और सीवर, पानी, सड़कों आदि के भी काम रोके गए, ताकि दिल्ली को ठप कर दिया जाए. इनसे कोई सवाल न पूछे की आप 22 राज्यों में अपनी सरकार चला रहे हैं तो गुजरात में आप फ्री बिजली क्यों नहीं दे रहे हैं, या उत्तर प्रदेश के अस्पतालों और स्कूलों को क्यों नहीं ठीक करा पा रहे हैं.

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अरविंद केजरीवाल जनता से हर मुलाकात में यह वादा करते हैं कि बहुत जल्द ही दिल्ली में रुके हुए काम शुरू करा दिए जाएंगे. वो लोगों को समझाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का षडयंत्र है कि किसी तरह दिल्ली की सत्ता हथियाई जाए और जो भी जनता के काम हैं, उन्हें बंद कराया जाए.जाहिर है दिल्ली की जनता जो मुफ्त सुविधाओं को भोग रही है उन पर केजरीवाल की बातों का असर तो पड़ेगा ही. जो भविष्य़ के चुनावों में भी दिखेगा इससे इनकार नहीं किया जा सकता.

2- पर 'शीशमहल' के सामानों की लिस्ट ने आम आदमी की छवि को किया डेंट

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की आम आदमी वाली छवि को डेंट करने का कोई भी मौका बीजेपी छोड़ती नहीं नजर आ रही है. दिल्ली बीजेपी ने हाल ही में PWD द्वारा मुख्यमंत्री आवास 6, फ्लैग रोड की इन्वेंट्री (सामान) के डॉक्यूमेंट्स जारी करते हुए आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि लंबे समय से बीजेपी ये मांग कर रही है कि मुख्यमंत्री आवास को मीडिया के सामने लाया जाए और आज जो इन्वेंट्री लिस्ट (सामान की सूची) सामने आई है, उससे ये जाहिर होता है कि आखिर अरविंद केजरीवाल इस बंगले में मीडिया को इन्वॉइट  क्यों नहीं कर रहे थे.

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भारतीय जनता पार्टी ने PWD की जो इन्वेंट्री लिस्ट जारी की है, उसमें बंगले में 1 करोड़ की टॉयलेट सीट का जिक्र है, बंगले में 5.6 करोड़ रुपए के पर्दे लगे हैं. अल्ट्रा स्लिम, स्मार्ट 4K टीवी लगा है जो कि वॉयस कंट्रोल्ड हैं. इसकी कीमत कीमत 64 लाख रुपए है. 15 करोड़ से ज्यादा की सैनिटरी फिटिंग की गई है. 5 करोड़ से ज्यादा का सजावटी सामग्री था, जो अब गायब है.

इतना ही नहीं  बीजेपी का आरोप है कि मुख्यमंत्री आवास पर पूरी तरह से स्वचालित, सेंसर युक्त TOTO स्मार्ट टॉयलेट सीट लगाई गई थी, जिसमें ऑटोमैटिक ओपन-क्लोज सीट, हीटेड सीट, वायरलेस रिमोट डियोडोराइजर और ऑटोमैटिक फ्लशिंग जैसी सुविधाएं थीं, लेकिन अब ये गायब हैं. इस तरह की एक टॉयलेट सीट की कीमत 10-12 लाख रुपये के बीच है. इसके साथ ही कई करोड़ रुपए की लागत का सजावटी सामान भी गायब है. बीजेपी ने मांग की कि बंगले में मीडिया को आमंत्रित किया जाए.

स्वाति मालीवाल ने भी पूर्व सीएम केजरीवाल पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा कि 5.6 करोड़ रुपए के रिमोट वाले पर्दे, 1 करोड़ की रेलिंग, 70 लाख के ऑटोमैटिक दरवाज़े, 65 लाख के TV, 30 लाख की रिमोट कंट्रोल लाइट, 12-12 लाख की टॉयलेट सीटें (जो ग़ायब बताई जा रही हैं), 9 लाख का फ्रिज, 4 लाख की मसाज वाली कुर्सी और ना जाने क्या क्या… जिस महापुरुष ने ये महल बनाया, उसी ने शीलाजी के घर में लगे 10 AC के लिए कहा था कि कौन भरता है इस सब का बिल? मैं और आप भरते हैं. मेरा तो कलेजा कांप उठता है, ये सोचकर कि जब दिल्ली की 40% जनता झुग्गियों में रहती है, तब कोई मुख्यमंत्री कैसे ऐसे आलीशान घर में रह सकते हैं.

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3-क्‍या सीएम पद छोड़ने की रणनीति काम कर रही है? 

अरविंद केजरीवाल का दिल्ली का सीएम पद छोड़ने की रणनीति कारगर दिख रही है. इधर उन पर सबसे बड़ा आरोप ये लगा था कि खुद को आम आदमी की संज्ञा देने वाले नेता ने अपने लिए दिल्ली में लक्जरी आवास बनवाया. पर अब वो ये घर छोड़कर जनता के बीच खुद को इस आरोप से मुक्त कर रहे हैं. जनता के बीच यह संदेश दिया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री आवास में जो सुख सुविधाएं लगवाईं थीं वो अपने लिए नहीं थीं . वो तो दिल्ली के सीएम के लिए थीं. जो भी सीएम रहेगा वो उसका सुख भोगेगा. अब अरविंद केजरीवाल सीएम नहीं है इसलिए उसका उपभोग नहीं कर रहे हैं. दूसरी पार्टियां अगर दिल्ली का चुनाव जीतती हैं तो उस पार्टी का सीएम जो भी बनेगा उस आवास में रहेगा. इसलिए ये कहना कि अरविंद केजरीवाल ने यह सब कुछ अपने लिया किया था, सरासर गलत है.
 

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