SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर जिस तरह इंडिया ब्लॉक दिल्ली में एकजुट दिखाई दिया था, बिहार में चल रही वोटर अधिकार यात्रा में भी वो चीज साफ साफ नजर आ रही है. शुरू होने से पहले ये समझना मुश्किल जरूर हो रहा था कि ये यात्रा कांग्रेस की है, INDIA ब्लॉक की संयुक्त कोशिश है, या बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल का. लेकिन, अब तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है.
आरजेडी नेता लालू यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के रवाना करने के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मिलकर वोटर अधिकार यात्रा को आगे बढ़ाया है - और अब बताया गया है कि समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं.
जिस तरह से बिहार में वोटर अधिकार यात्रा धीरे धीरे ताकतवर होती जा रही है, निश्चित तौर पर ये सब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुनौतियां बढ़ाने वाला है - लेकिन, सवाल ये भी है कि क्या विपक्ष पूरी ताकत SIR के मुद्दे पर ही लगा दे रहा है? क्या नीतीश कुमार की कल्याणकारी घोषणाओं की विपक्ष को कोई फिक्र नहीं है?
वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश यादव का शामिल होना
वोटर अधिकार यात्रा के 5वें दिन शुरुआती कमान तेजस्वी यादव के हाथ में थी, क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव के सिलसिले में दिल्ली आए हुए थे. 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गया, नवादा और नालंदा होते हुए शेखपुरा पहुंची थी. एक दिन के ब्रेक के बाद ये यात्रा शेखपुरा से आगे बढ़ी है.
शेखपुरा के त्रिमुहानी के पास दुर्गा मंदिर से यात्रा शुरू हुई, तो तेजस्वी यादव के साथ सीपीआई-एमएल नेता दीपांकर भट्टाचार्य और बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम भी मौके पर मौजूद थे. बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग पर हमलावर तेजस्वी यादव हर कदम पर दो बातें समझाने की कोशिश कर रहे हैं. एक, चुनाव आयोग क्या चाहता है, और बिहार के लोग कैसे जवाब दे सकते हैं?
शेखपुरा की रैली में तेजस्वी यादव ने कहा, कोई किसी भी जाति का हो... आपका भाई तेजस्वी सभी जातियों को साथ लेकर चलेगा... ये लोग आपसे आपका सिर्फ वोट अधिकार नहीं छीन रहे, ये आपका अस्तित्व छीनना चाहते हैं... ये बिहार को चूना लगाने की सोच रहे हैं... उन्हें नहीं पता बिहार लोग खैनी में चूना रगड़ देते हैं.
खुद को लोगों के भाई के तौर पर पेश करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, इस यात्रा के लिए बड़े भाई राहुल गांधी को धन्यवाद देता हूं. ऐसे आभार जताने की कई वजह हो सकती है. हो सकता है, तेजस्वी यादव यात्रा में बने रहने के लिए राहुल गांधी के प्रति आभार प्रकट कर रहे हों, ये भी हो सकता है कि यात्रा में खुद को साथ रखने के लिए वो राहुल गांधी को धन्यवाद कह रहे हों.
इस बीच कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल साइट एक्स पर बताया है कि 28 अगस्त को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी यात्रा में शामिल होने जा रहे हैं. अखिलेश यादव वोटर अधिकार यात्रा के सीतामढ़ी पहुंचने पर शामिल होंगे.
अखिलेश यादव का वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होना इंडिया ब्लॉक के लिए काफी महत्वपूर्ण है. अखिलेश यादव ने एसआईआर के मुद्दे पर दिल्ली में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. अखिलेश यादव के पुलिस बैरिकेड कूद कर विरोध प्रदर्शन का वीडियो और फोटो भी वायरल हुआ था. और, अब दिल्ली के बाद बिहार का रुख करने वाले हैं.
वोटर अधिकार यात्रा के आखिर में तो पटना के गांधी मैदान में रैली होनी है, लेकिन उससे पहले सीतामढ़ी की रैली भी काफी अहम लगती है. रैली में तेजस्वी यादव सहित बिहार महागठबंधन के नेताओं के सपोर्ट में राहुल गांधी के साथ साथ अखिलेश यादव भी चुनाव आयोग और बीजेपी पर निशाना साधेंगे.
विपक्ष एकजुट है, क्या असल मुद्दे पीछे छूट रहे हैं?
शेखपुरा में तेजस्वी यादव ने कहा, हमें बिहार में ऑरिजनल सीएम चाहिए... डुप्लीकेट नहीं.
तेजस्वी यादव का दावा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो घोषणाएं कर रहे हैं, वे उनका ओरिजिनल आइडिया नहीं हैं. तेजस्वी यादव का आरोप है कि नीतीश कुमार उनके आइडिया कॉपी कर रहे हैं. हाल फिलहाल नीतीश कुमार ने बिहार के हर तबके के लिए कई कल्याणकारी घोषणाएं की हैं.
आरजेडी नेता के आरोपों का जवाब देते हुए नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार ने कहा था, तेजस्वी जी कहते हैं कि ये नकलची सरकार है... 2005 से अब तक जितने भी काम हुए हैं... क्या वे सब नकल हैं? मेरे पिता जी नकल नहीं, काम करते हैं... जनता ने भी बार-बार इसे महसूस किया है... 2025 में भी जनता फिर से नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाएगी.
तेजस्वी यादव ने शेखपुरा में भी दोहराया, सरकार को वही करना पड़ रहा है, जो तेजस्वी कहता है... हमें पढ़ाई, दवाई, कमाई, सुनवाई और कार्रवाई वाली सरकार चाहिए.
SIR का मुद्दा राहुल गांधी ने लपक लिया, और अपने वोट-चोरी के इल्जाम से जोड़ दिया. देखते ही देखते पूरा विपक्ष साथ आ गया, तेजस्वी यादव के लिए तो ये सबसे बड़ा सपोर्ट था. और, अब अखिलेश यादव का बिहार जाकर वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होना और भी बड़ा सपोर्ट है. कहने को तो अखिलेश यादव ने दिल्ली चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल के लिए कैंपेन किया था, लेकिन चुनावी राजनीति के हिसाब से दिल्ली और बिहार के मिजाज में काफी फर्क है. दिल्ली में अखिलेश यादव, आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल के सपोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ वाले मोर्चे पर थे, बिहार में सब साथ साथ हैं. फर्क तो है ही.
लेकिन, बड़ा सवाल ये है कि क्या विपक्षी गठबंधन के पास SIR ही सबसे बड़ा मुद्दा है? जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर, जो लोगों के छठ के बाद लौटकर न जाने की बात कर रहे हैं, उसको बेअसर करने कोई उपाय नहीं है? नीतीश कुमार जो तमाम कल्याणकारी घोषणाएं करते जा रहे हैं, उसके काउंटर का कोई उपाय नहीं है?