कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की अभी तक कोई खास राजनीतिक उपलब्धि नहीं रही है. पर जेएनयू के अध्यक्ष के रूप में उन्हें जो लोकप्रियता मिली वो शायद किसी और अध्यक्ष को नहीं मिला. इस लोकप्रियता के पीछे कौन से कारण थे इस पर बहस हो सकती है. उन्हें मीडिया भी पर्याप्त महत्व देता रहा है. जाहिर है कि कन्हैया कुमार की यही काबिलियत उन्हें कांग्रेस में राहुल गांधी के बहुत खास लेकर आई है. पर जिस तरह कन्हैया कुमार बयान दे रहे हैं वो उनके लिए घातक तो है ही पर सबसे बड़ी बात यह भी है कि वह पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा रहे हैं. गुरुवार 10 अप्रैल को मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर उन्होंने जो कहा वह कांग्रेस की विचारधार कभी नहीं रही है. कन्हैया कुमार ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर राणा के अमेरिका से प्रत्यर्पण को BJP की एक चाल बताकर मुंबई हमले की गंभीरता को हल्का कर दिया है. इसके पहले भी कन्हैया कुमार ने कांग्रेस की पलायन रोको-नौकरी दो यात्रा में बिहार के पानी लूट की थियरी गढकर पार्टी को शर्मसार किया था. कन्हैया कुमार इस महीने दिए गए इन तीन बयानों पर गौर करिए.
1-कन्हैया के लिए संघी एक गाली!
कन्हैया कुमार ने 11 अप्रैल को एक न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में पीएम मोदी और आरएसएस के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं. कन्हैया ने कहा कि पीएम मोदी संघी हैं और आरएसएस आतंकवादी है.न्यूज एंकर बार-बार कहती हैं कि आप संघी ऐसे कह रहे हैं जैसे कोई ये गाली है. कन्हैया कुमार कहते हैं कि हां संघी होना गाली ही है. एंकर के तर्क करने पर कन्हैया उसे बीजेपी का स्पोक पर्सन बोल देते हैं. कन्हैया कुमार के इस बयान के बाद पटना के कोतवाली थाने में बीजेपी मीडिया सेल के अध्यक्ष दानिश इकबाल ने कांग्रेस नेता के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत के मुताबिक कन्हैया ने कहा पीएम मोदी संघी हैं और आरएसएस आतंकवादी है. इकबाल ने दावा किया कि इस बयान से देश की करोड़ों जनता की भावनाएं आहत हुई हैं और यह एक संज्ञेय अपराध है.
असर- कांग्रेस के लिए कन्हैया का यह बयान पार्टी को इसलिए मुश्किल में डाल सकता है. कारण कि कांग्रेस के लिए इस बार के चुनावों में सबसे बड़ी उम्मीद बीजेपी के एंटी इंकंबेंसी वाले वोट हैं. बहुत से सवर्ण लोगों को बीजेपी के बाद कांग्रेस ही नजर आती है. ऐसे सभी लोगों का नजरिया संघ के लिए खराब नहीं होता है. उनकी नजर में संघ का कनेक्शन सत्ता से नहीं है. ऐसे लोग बीजेपी को सबक सिखाने के लिए कांग्रेस को वोट दे सकते हैं. आम तौर पर इनका वोट आरजेडी या कम्युनिस्ट पार्टियों को नहीं जाएगा पर कांग्रेस को जा सकता है. यही कारण है कि कांग्रेस वक्फ बोर्ड, सीएए आदि पर उस तरह का स्टैंड नहीं लेती है जिस तरह समाजवादी पार्टी, आरजेडी और टीएमसी करती हैं. कन्हैया का यह बयान ऐसे लोगों को नाराज कर सकता है.
2- तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण रास नहीं आया कन्हैया को?
कन्हैया कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार जनता से किए गए विभिन्न वादों को पूरा करने में विफल होने पर जनता का ध्यान भटकाने के लिए तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है. कन्हैया कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज करते हैं कि राणा का प्रत्यर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ी ‘कूटनीतिक सफलता’ है.
असर- मुंबई हमला हर भारतीय स्वाभिमान के स्वाभिमान पर चोट था. जिस तरह का कहर पाकिस्तान प्रशिक्षित आतंकियों ने मचाया था वो अकल्पनीय था. तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक सफलता है. आम लोग भी यही मानते हैं. बीजेपी को वोट नहीं देने वाले लोग भी इन आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं. ऐसे में तहव्वुर राणा को भारत लाने को ध्यान भटकाने वाला बताने मुंबई हमले की गंभीरता को कम करने वाला है. कन्हैया कुमार पर पहले भी यह आरोप रहा है कि वह कश्मीर के आतंकवाद को सपोर्ट करते रहे हैं. अगर जनता में ये बात चली जाती है कि कन्हैया कुमार आज भी अपने विचारों पर कायम हैं तो यह कांग्रेस के लिए ठीक नहीं होगा.
3- बिहार का पानी लूटने के लिए बन रही हैं सड़कें!
कन्हैया कुमार ने बिहार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए पिछले दिनों एक नया दर्शन दिया. उन्होंने दावा किया है कि बिहार में भारतमाला परियोजना की सड़कें राज्य का पानी लूटने के लिए बनाई जा रही हैं. कन्हैया कुमार ने समझाया कि बिहार में पहले उद्योग क्यों नहीं आए और अब क्यों निवेश आ रहा है. कन्हैया ने कहा है कि सड़कों की कोई जरूरत नहीं है. वे सड़कें बनाने को एक साजिश करार देते हैं. कन्हैया का कहना है कि बिहार के पास बहुत पानी है, इसलिए यहां सड़कें बनाई जा रही हैं.
असर- बिहार में अनपढ़ गवांर व्यक्ति भी यह नहीं चाहेगा कि इस राज्य में सड़कें और हाइवे न बने. सड़कें बनने से आज देश भर में काम करने वाला बिहारी मजदूर बसों के जरिए 8 से 10 घंटे में दिल्ली जैसे शहरों से घर पहुंच जा रहा है. इन सड़कों के निर्माण होने से लाखों कामगारों को रोजगार मिलता है. सड़क निर्माण से लेकर उनके रख रखाव , होटल-ढाबे, पेट्रोल पंप आदि पर हजारों लोगों को काम मिला है. इन सड़कों के चलते उद्योग धंधों के स्थापित होने का आधार भी तैयार हो रहा है. बहुत से प्रोजेक्ट आज बिहार की ओर मूव कर रहे हैं. कांग्रेस किस आधार पर अपने स्टार कैंपेनर की बातों का समर्थन करेगी.