सुप्रीम कोर्ट ने कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय को अग्रिम जमानत दे दी. उन पर सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कार्यकर्ताओं के आपत्तिजनक कार्टून शेयर करने का आरोप है. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने देखा कि मालवीय ने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट पर माफी मांगी है.
अदालत ने पुलिस को यह छूट दी कि अगर मालवीय जांच में सहयोग नहीं करते, तो उनकी जमानत रद्द करने की मांग की जा सकती है.
सुनवाई के दौरान मालवीय की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत को बताया कि उन्होंने माफी मांग ली है और याचिकाकर्ता को अभी तक तलब नहीं किया गया है.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने जवाब दिया कि सभी सबूत इकट्ठा होने के बाद ही तलब किया जाएगा.
कार्टूनिस्ट पर इंदौर में दर्ज हुआ FIR
दरअसल, मालवीय पर मई में इंदौर में पुलिस ने वकील और आरएसएस कार्यकर्ता विनय जोशी की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. जोशी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करके हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ा है.
15 जुलाई को शीर्ष अदालत ने मालवीय को किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया. मंगलवार को अदालत ने इस आदेश को पूर्ण घोषित कर दिया.
नटराज ने दलील दी थी कि जांच लंबित है और यह पोस्ट एक प्रासंगिक साक्ष्य हो सकता है और इस स्तर पर इसे हटाने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
15 जुलाई के अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की बढ़ती संख्या पर भी चिंता व्यक्त की और इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने के लिए एक न्यायिक आदेश पारित करने की जरूरत पर जोर दिया.
कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय ने 3 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ओर से उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार करने के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में कई 'आपत्तिजनक' पोस्ट का उल्लेख है, जिनमें भगवान शिव पर कथित रूप से अनुचित टिप्पणियों के साथ-साथ कार्टून, वीडियो, तस्वीरें और मोदी, आरएसएस कार्यकर्ताओं समेत अन्य लोगों के बारे में टिप्पणियां शामिल हैं.
एफआईआर में उन पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और आरएसएस की छवि धूमिल करने के इरादे से अभद्र और आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है.
कार्टूनिस्ट की दलील
हाई कोर्ट में मालवीय के वकील ने दलील दी कि उन्होंने सिर्फ एक कार्टून पोस्ट किया था और अन्य फेसबुक उयूजर्स की ओर से उस पर पोस्ट की गई टिप्पणियों के लिए उन्हें ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.