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इंदौर में तेंदुए के पंजे काटने वाला शिकारी गिरफ्तार, दिल दहला देने वाला खुलासा

इंदौर में सुअर के लिए लगाए फंदे में फंसे तेंदुए की मौत के बाद उसके पंजे काटने वाले आरोपी को वन विभाग ने गिरफ्तार किया है. तेंदुआ दम घुटने से मरा और आरोपी ने तांत्रिकों को बेचने के लिए उसके पंजे और दांत निकालने की कोशिश की. हथियार और एयर गन बरामद की गई है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.

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तेंदुए के साथ युवक ने की बेरहमी (Photo: Screengrab)
तेंदुए के साथ युवक ने की बेरहमी (Photo: Screengrab)

मध्य प्रदेश के इंदौर में तेंदुए की मौत और उसके बाद हुई अमानवीय हरकतों का मामला सामने आया है. वन विभाग ने 35 साल के आरोपी दिनेश नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने जाल में फंसकर मरे तेंदुए के दोनों आगे के पंजे कुल्हाड़ी से काट दिए थे.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने सुअर पकड़ने के लिए जंगल की बाड़ पर मोटरसाइकिल की क्लच वायर से बना फंदा लगाया था. 29 नवंबर को एक तीन वर्षीय नर तेंदुआ उस फंदे में फँस गया. फंदे से छूटने के लिए वह तड़पता रहा और दम घुटने से उसकी मौत हो गई.

तेंदुए के मरते ही आरोपी मौके पर पहुंचा और कुल्हाड़ी से उसके पंजे काट डाले. यही नहीं, उसने तेंदुए के दांत निकालने की भी कोशिश की. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह इन अंगों को तंत्र-मंत्र करने वाले लोगों को बेचकर कमाई करना चाहता था. उसे विश्वास था कि तेंदुए के नाखून और पंजे तांत्रिकों के बीच ऊंची कीमत में बिकते हैं.

एयरगन और हथियार बरामद

वन विभाग की टीम ने छापेमारी कर आरोपी के घर से तेंदुए के पंजे, एक एयर गन और कई धारदार हथियार भी बरामद किए हैं. गिरफ्तारी के बाद आरोपी से लगातार पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह पहले भी ऐसे किसी वन्यजीव अपराध में शामिल रहा है.

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जांच में यह भी सामने आ रहा है कि इलाके में जाल बिछाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जिन्हें पकड़ों के जरिए स्थानीय शिकारियों का सक्रिय नेटवर्क संचालित कर रहा है. इस वारदात के बाद वन विभाग ने पूरे क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और बाड़ के पास लगे संभावित शिकार फंदों को हटाने का अभियान भी शुरू कर दिया है.

वन विभाग की सख्त कार्रवाई

तेंदुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के अनुसार अनुसूची-I के संरक्षित जीव हैं. ऐसे जानवर को मारने या उसे नुकसान पहुंचाने पर कठोर सजा और जुर्माना तय है. अधिकारी मानते हैं कि यदि इस तरह की घटनाओं को कड़ी सजा के साथ न रोका गया, तो वन्यजीव तस्करी और अवैध शिकार में और वृद्धि हो सकती है.

 

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