गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट और पोर्टल जिस क्लाउड स्पेस पर रखा जाता है. उस क्लाउड स्पेस का इस्तेमाल मध्यप्रदेश स्थित सागर यूनिवर्सिटी द्वारा किए जाने की बात सामने आई है. जैसे ही GTU को इस बात की जानकारी मिली तो रजिस्ट्रार ने सागर यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है. मामले में गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के आईटी विभाग के पूर्व कर्मचारी का हाथ होने की बात सामने आई है.
GTU के पूर्व कर्मचारी ने किया क्लाउड स्पेस का इस्तेमाल
दरअसल, GTU की वेबसाइट और पोर्टल क्लाउड स्पेस से होस्ट की जाती है. इस क्लाउड स्पेस का इस्तेमाल आईटी सेक्शन के अधिकारियों द्वारा किया जाता है. प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक, जब GTU की क्लाउड स्पेस का इस्तेमाल आईटी विभाग के हेड द्वारा किया जा रहा था. तब मध्यप्रदेश की सागर यूनिवर्सिटी का डाटा GTU के क्लाउड स्पेस में पाया गया. जिस क्लाउड स्पेस में GTU के विद्यार्थियों के डाटा होने चाहिए थे. उसमें सागर यूनिवर्सिटी के डाटा मिलने की वजह से तुरंत जांच शुरू की गई. इसके बाद पता चला कि GTU में नौकरी करने वाला एक कर्मचारी जो कुछ महीनों पहले GTU से नौकरी छोड़ सागर यूनिवर्सिटी में जुड़ा था. उसने ही सागर यूनिवर्सिटी का डाटा GTU के क्लाउड स्पेस पर अपलोड किया था.
सागर यूनिवर्सिटी ने मांगी माफी, पासवर्ड किया गया चेंज
GTU के रजिस्ट्रार के.एन. खैर ने कहा कि डाटा चोरी हुआ हो ऐसा अभी सामने नहीं आया है. यह सच है कि GTU के क्लाउड पर सागर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट होस्ट की गई थी. सागर यूनिवर्सिटी में GTU का पूर्व कर्मचारी नौकरी करता है. उसके पास GTU के क्लाउड स्पेस का पासवर्ड रहा होगा. उसकी जिम्मेदारी थी कि वह पासवर्ड का गलत इस्तेमाल नही करता.
GTU के क्लाउड स्पेस जहां से तमाम वेबसाइट होस्ट होती है. उसका एक्सेस लेकर सागर यूनिवर्सिटी की वेबसाइट होस्ट की गई थी. हमको जब ये बात पता लगी थी तब ही पासवर्ड बदल दिया था. फिलहाल कोई डाटा एक्सेस हुआ हो ऐसा लग नहीं रहा. GTU के रजिस्ट्रार ने कहा कि ये बात हमें जैसे पता चली हमने सागर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था. जवाब आया है कि आपकी यूनिवर्सिटी से आए हुए कर्मचारी ने GTU के क्लाउड का एक्सेस किया था. सागर यूनिवर्सिटी ने माफी भी मांगी है. एक्सेस मिले तो अपना डाटा डिलीट करने की तैयारी बताई है.
पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग
GTU के क्लाउड स्पेस पर सागर यूनिवर्सिटी का डाटा अपलोड होना चिंताजनक इसलिए भी है क्योंकि ऐसा करते वक्त GTU का डाटा भी लीक हुआ हो ये हो सकता है. GTU के लाखों विद्यार्थियों का डाटा लीक होने की दहशत फिलहाल देखी जा रही है. GTU जो क्लाउड स्पेस करोड़ों रुपए खर्च करके लेती है उसका इस्तेमाल बिना परमिशन करने के लिए आईटी के पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग हो रही है. साथ ही में लाखों का बिल भी सागर यूनिवर्सिटी से वसूलने की मांग की जा रही है.