मध्यप्रदेश की राजनीति में जन्माष्टमी के मौके पर दिया गया मुख्यमंत्री मोहन यादव का बयान लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण को ‘माखन चोर’ या ‘वस्त्र चोर’ कहना उचित नहीं है. इस बयान पर अब यादव महासभा ने भी सीएम मोहन यादव का खुलकर समर्थन किया है. इसके साथ ही लालू यादव और अखिलेश यादव के लिए भी एक अनोखी मांग की है.
यादव महासभा कहा कि भगवान श्रीकृष्ण को कभी भी ‘चोर’ नहीं कहा जा सकता. श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया, धर्म की स्थापना की और कला व संस्कृति के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया. उनके भक्त पूरी दुनिया में हैं और उन्हें ‘चोर’ कहना किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है.
यादव महासभा छात्र विंग के प्रदेश अध्यक्ष प्रियेश यादव ने आजतक से बात करते हुए कहा कि हमारा स्टैंड बिल्कुल साफ है, सीएम मोहन यादव ने जो कहा है, हम उसका पूरा समर्थन करते हैं. आप किसको माखन चोर कह रहे हैं? किसको वस्त्र चोर कह रहे हैं? वे भगवान श्रीकृष्ण जिन्होंने दुनिया को धर्म और नीति का मार्ग दिखाया, उन्हें इस तरह से संबोधित करना गलत है. हमारा संगठन इसका कड़ा विरोध करता है.
लालू और अखिलेश को ‘चोर’ कहने पर भी आपत्ति
यादव महासभा ने इस मौके पर सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को लेकर ही अपना रुख स्पष्ट नहीं किया, बल्कि समाज के बड़े नेताओं के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर भी आपत्ति जताई. प्रियेश यादव ने कहा कि लंबे समय से समाजवादी नेता लालू यादव को ‘चारा चोर’ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ‘टोंटी चोर’ कहा जाता रहा है. यह भी उतना ही आपत्तिजनक है, जितना भगवान श्रीकृष्ण को ‘चोर’ कहना.
आंदोलन की चेतावनी
प्रियेश यादव ने कहा कि चाहे बिहार में लालू यादव की भूमिका रही हो या यूपी में अखिलेश यादव का कामकाज, दोनों ने अपने-अपने प्रदेश के विकास और राजनीति में अहम योगदान दिया है. उन्हें ‘चोर’ कहना केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे यादव समाज का अपमान है. हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे. अगर इस तरह की भाषा का इस्तेमाल बंद नहीं हुआ तो यादव महासभा सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी. संगठन ने साफ किया कि न तो भगवान श्रीकृष्ण के अपमान को सहा जाएगा और न ही यादव समाज के नेताओं पर इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त की जाएगी.