मध्य प्रदेश के मालवा इलाके के किसानों के लिए समस्या बन चुके काला हिरण और नीलगाय को पकड़ने के लिए एक बड़ा और अनूठा अभियान शुरू होने वाला है. दक्षिण अफ्रीका से विशेषज्ञों की 15 सदस्यीय टीम 15 अक्टूबर को भोपाल पहुंचेगी और शाजापुर जिले के कालापीपल से अभियान की शुरुआत करेगी.
इस पूरे अभियान के लिए वन विभाग ने रॉबिन्सन हेलिकॉप्टर किराए पर लिया है. यह रेस्क्यू अभियान 15 अक्टूबर से 5 नवंबर तक 20 दिन तक चलेगा. शुरुआत में यह अभियान कालापीपल और शुजालपुर क्षेत्र में चलाया जाएगा. कालापीपल विधानसभा के चार स्थानों (इमलीखेड़ा, भानियाखेड़ी, डुंगलाय, उमरसिंघी, अरनिया काला) को पहले चरण के लिए चिन्हित किया गया है.
हेलिकॉप्टर से हांका लगाकर (जानवरों को घेरकर) काले हिरण और नीलगाय को पकड़ा जाएगा. पकड़े गए जानवरों को विशेष वाहनों से मंदसौर जिले स्थित गांधी सागर सेंचुरी में शिफ्ट किया जाएगा. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ के अफसरों ने बताया कि यदि यह पायलट फेज सफल रहा, तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
जनता से सहयोग की अपील
BJP विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष किसानों को हो रहे इस नुकसान का मुद्दा बार-बार उठाया था, जिसके बाद सरकार सक्रिय हुई और यह पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया. अब विधायक ने वन विभाग के साथ मिलकर ग्रामीणों से इस अभियान में सहयोग की अपील की है. देखें Video-
उन्होंने जनता से अपील की है कि जिन क्षेत्रों में हिरण और नीलगाय झुंड में हों, उसकी सूचना तत्काल रेस्क्यू टीम या गांव के सरपंच को दें, ताकि लोकेशन के आधार पर टीम अपनी तैयारी पूरी कर सके. यह काम सरपंचों को सौंपा गया है.
शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अनुमति और राज्य सरकार की सैद्धांतिक सहमति के बाद यह अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान का उद्देश्य क्षेत्र में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले काले हिरणों और नीलगाय की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान करना है.
इस पहल के तहत, दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों के सहयोग से बोमा पद्धति का उपयोग करके 100 नीलगाय और 400 काले हिरणों को पकड़ा जाएगा और उन्हें गांधी सागर सेंचुरी और राज्य भर के अन्य नेशनल पार्कों में शिफ्ट किया जाएगा.
कलेक्टर ने बताया कि जिले में काले हिरणों को पकड़ने के लिए छह और नीलगाय पकड़ने के लिए चार स्थानों को चिन्हित किया गया है.