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विटामिन डी से अस्थमा पर किया जा सकता है काबू- स्टडी

अगर आपके घर में भी किसी व्यक्ति को अस्थमा की शिकायत है तो आपके लिए एक खुशखबरी है. बदलते मौसम में अस्थमा के मरीज सबसे ज्यादा परेशान होते हैं. लेकिन अब अस्थमा के मरीज अपनी डाइट में एक खास विटामिन शामिल करके अपनी परेशानी को काफी हद तक दूर कर सकते हैं. हाल ही में हुई एक स्टड़ी तो ऐसा ही कुछ दावा कर रही है. दरअसल इस नई स्टडी के मुताबिक विटामिन डी की अधिक मात्रा लेने पर अस्थमा के मरीजों को बदलते मौसम में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये पूरी खबर.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

आज के समय में अस्थमा से पीड़ित बच्चों की सख्यां कम नहीं है. जिसका सबसे बड़ा कारण बच्चों की खराब दिनचर्या और वातावरण में बढ़ता प्रदूषण भी है. छोटे-छोटे बच्चे कम आयु में ही इस रोग की चपेट में आ रहे हैं. जो कि काफी चिंताजनक है. कहा जाता है कि बदलते मौसम में अस्थमा के मरीजों को खुद पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. एक नई स्टडी के अनुसार, अगर अस्थमा के मरीज अपनी डाइट में विटामिन डी की मात्रा ठीक रखते हैं तो वो आसानी से बदलते मौसम में भी बिना किसी तकलीफ के अपना ध्यान रख सकते हैं.

जर्नल ऑफ एलर्जी एंड क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित एक नई स्टडी के मुताबिक, डाइट में कम विटामिन डी होने से अस्थमा से पीड़ित बच्चों की समस्या काफी बढ़ सकती है. स्टडी के अनुसार जिन बच्चों में विटामिन डी की कमी होती है, उनकी सेहत पर सिगरेट और कैंडल तक का धुआं बाकी बच्चों की तुलना में ज्यादा नकारात्मक असर डालता है.

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बता दें, स्टडी में 120 अस्थमा से पीड़ित स्कूली छात्रों को शामिल किया गया. इस अध्ययन में 3 चीजों पर विशेष ध्यान दिया गया- घर में वायु प्रदूषण का स्तर, खून में विटामिन डी की मात्रा, और अस्थमा के लक्षण. वैसे यहां पर यह जानना भी जरूरी है कि 120 में से कई बच्चे मोटापे का भी शिकार थे.

इस स्टडी में जो परिणाम निकलकर आए, उनसे पता चला कि अगर आपके घर में वायु प्रदूषण ज्यादा है लेकिन अस्थमा से पीड़ित बच्चे के शरीर में  विटामिन डी की अच्छी मात्रा है, तो उसको इस वातावरण में सामंजस्य बैठाने में ज्यादा तकलीफ नहीं होगी. वहीं अगर मोटापे के शिकार बच्चों को विटामिन डी की उचित मात्रा दी जाए ,तो उनके अंदर तो और व्यापक परिवर्तन दिखने को मिलेगा.

स्टडी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि धूप में ज्यादा देर बैठने से अस्थमा से पीड़ित बच्चों को विटामिन डी तो मिल जाएगा, लेकिन उनकी स्किन पर इसका खराब असर पड़ सकता है. स्टडी में बताया गया कि धूप से विटामिन डी लेने की जगह अगर बच्चे को मछली, मशरूम, ऑरेंज जूस का सेवन करवाएंगे तो उनकी बॉडी में विटामिन डी की कमी को बिना किसी साइड इफेक्ट के पूरा किया जा सकता है.

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वैसे स्टडी की मुख्य शोधकर्ता सोनाली बोस कहती हैं, 'अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई स्थायी इलाज संभव नहीं है. लेकिन कई सारी स्टडी से यह पता चला है कि विटामिन डी से सांस संबधी बीमारियों को ठीक तो नहीं लेकिन उस पर काबू पाया जा सकता है.'

तो अगर आपके बच्चे को भी अस्थमा की समस्या है तो उसकी डाइट में विटामिन डी की मात्रा बढ़ा दें, थोड़े समय में सकारात्मक परिवर्तन दिखना शुरू हो जाएगा.

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