वैसे तो समाज में कई ऐसे कारक मौजूद हैं, जिससे कोई अल्पवयस्क असुरक्षित यौन-संबंध बनाने के लिए प्रेरित हो सकता है. अब इनमें एक और कारक जुड़ गया है.
एक शोध में यह बात सामने आई है कि यदि बच्चा घंटों नेट सर्फिंग करता है, तो अभिभावकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. ज्यादा नेट सर्फिंग से किशोरवय बच्चे के नशे और असुरक्षित यौन-संबंधों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है.
कनाडा में क्वींस यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि ऐसे युवक जो हमेशा कम्प्यूटर की स्क्रीन से चिपके रहते हैं, उनमें अपने अन्य समकक्षों के मुकाबले व्यवहारगत समस्याएं पैदा होने की अधिक आशंका रहती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार के युवाओं के व्यवहार से जुड़ी छह समस्याओं का शिकार होने का खतरा बना रहता है, जिनमें धूम्रपान, शराब, नशीले पदार्थ का सेवन, असुरक्षित यौन संबंध और सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं करना आदि शामिल है. डेली मेल में यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है.
इस शोध रिपोर्ट के लेखक वेलेरी कार्सन ने बताया कि उनका शोध ‘सोशल कोगनेटिव थ्योरी’ पर आधारित था, जो बताती है कि दूसरों के व्यवहार की नकल करके व्यक्ति उसी व्यवहार को अपनाता है. वह कहती हैं,‘‘सेंसरशिप के मामले में टीवी और वीडियो गेम पर कुछ सीमा तक नियंत्रण है, लेकिन इंटरनेट पर किसी प्रकार की कोई बंदिश नहीं है.’’