दरअसल, खलील औरत मार्च में 'मेरा जिस्म, मेरी मर्जी' जैसे नारों का इस्तेमाल न करने को लेकर कोर्ट के आदेश के समर्थन में कुछ बोल रहे थे. उनका कहना था, 'मेरा जिस्म, मेरी मर्जी जैसे नारों पर अदालत के रोक लगाने के बाद जब मैं मारवी जैसे लोगों के मुंह से ये नारा सुनता हूं तो मेरा कलेजा हिलता है.'