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हार्ट अटैक से बचना है तो इस उम्र से ही शुरू कर दें कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना

हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी समस्या है जिसका सामना किसी भी उम्र के व्यक्ति को करना पड़ सकता है. सामान्य तौर पर, मध्यम आयु वर्ग या बूढ़े लोगों में यंग लोगों की तुलना में हाई कोलेस्ट्रॉल होना काफी आम बात है. हाई कोलेस्ट्रॉल की फैमिली हिस्ट्री होने पर यंग लोगों को भी अपनी शुरुआत उम्र में इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है कोलेस्ट्रॉल लेवल टेस्ट करने की सही उम्र.

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हार्ट अटैक से है बचना तो इस उम्र से ही शुरू कर दें कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना (Photo Credit: Getty Images)
हार्ट अटैक से है बचना तो इस उम्र से ही शुरू कर दें कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना (Photo Credit: Getty Images)

कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स की तरह का पदार्थ होता है जो हमारे ब्लड में पाया जाता है और कुछ कामों के लिए शरीर को इसकी जरूरत होती है. हालांकि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है लेकिन इसका लेवल ज्यादा होने पर इसे खतरनाक माना जाता है. इसका एक कारण यह है कि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होने से रक्त कोशिकाएं  सिकुड़ने लगती हैं जिससे आर्टरीज में ब्लड फ्लो काफी कम हो जाता है. जब यह कोलेस्ट्रॉल टूटता है तो इससे क्लॉटिंग की समस्या का सामना करना पड़ता है जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की समस्या का सामना करना पड़ता है. 

कोलेस्ट्रॉल को इसलिए भी काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि अन्य बीमारियों की तरह इसके कोई भी लक्षण शरीर में नजर नहीं आते. जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल लिमिट से ज्यादा बढ़ जाता है तब इसके कुछ -कुछ लक्षण दिखने शुरू होते हैं. ऐसे में ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपना रेगुलर चेकअप करवाएं.

किस उम्र से चेक करना चाहिए ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल?

अमेरिकन हार्ट एसोशिएशन के मुताबिक, व्यक्ति को 20 साल की उम्र से अपना ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना शुरू कर देना चाहिए. 


मुंबई स्थित एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों में 9 साल की उम्र में सबसे पहले लिपिड लेवल चेक करना चाहिए इसके बाद 17 से 20 साल उम्र के बीच लिपिड लेवल चेक करना चाहिए. 

अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बच्चों की शुरुआती उम्र में ही उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक करना चाहिए. 

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ब्लड कोलेस्ट्रॉल के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए यह काफी जरूरी है कि आप कोलेस्ट्र्रॉल लेवल चेक करने की अपनी रोजाना की आदत बनाएं. भारत में ब्लड कोलेस्ट्रॉल की बात करें तो यहां शहरों में 25 से 30 फीसदी लोग और ग्रामीण इलाकों में 15 सो 20 फीसदी लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं. 2017 की एक स्टडी के अनुसार, 20 साल की अवधि में शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि हुई है.

कुल मिलाकर, एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि 20 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को हर 5 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट  करवाना चाहिए और इसके बाद टेस्ट की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है. 

उम्र के हिसाब से क्या है कोलेस्ट्रॉल का आइडियल लेवल?

19 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल 170 मिलीग्राम/ डेसीलीटर के कम होना चाहिए. एडल्ट्स में कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल लेवल 200 से कम होना चाहिए. जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल 200 से 239 के बीच में होता है उसे बॉर्डर लाइन कहा जाता है. ऐसे में जरूरी है कि आप कोलेस्ट्रॉल लेवल को इससे कम ही रखें. 

हाई कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य कारण फैमिली हिस्ट्री

हाई कोलेस्ट्रॉल में जेनेटिक्स भी अहम भूमिका निभाते हैं. जिन लोगों की हाई कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री होती है उन्हें अपने शुरुआती जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अगर आपके परिवार में किसी को हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो आपमें भी इस समस्या के चांसेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं. 

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इसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (familial hypercholesterolemia) के रूप में जाना जाता है, इस स्थिति में आपकी रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा काफी ज्यादा होता है. जिसके चलते, व्यक्ति बहुत कम उम्र से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है. जिन लोगों के घर का कोई सदस्य हार्ट अटैक की समस्या से जूझ रहा है उन्हें अपने ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को लेकर काफी सावधान रहना चाहिए.  

ब्लड कोलेस्ट्रॉल की रिपोर्ट को कैसे समझें?

कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है HDL और LDL. एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है जो शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. वहीं, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बैड कोलेस्ट्रॉल माना जाता है. इसके अलावा, ट्राइग्लिसराइड्स को काफी खतरनाक माना जाता है, जिसका सीधा संबंध हार्ट डिजीज से होता है. 

कोलेस्ट्रॉल टेस्ट के जरिए इन सभी के बारे में जाना जाता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को मिलीग्राम/ डेसीलीटर और  mg/dL के रूप में मापा जाता है. 

जब कुल ब्लड कोलेस्ट्रॉल का लेवल 200 से नीचे होता है, तो इसे सामान्य माना जाता है. बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल तब होता है जब रीडिंग 200 और 239 के बीच होती है. 240 से ऊपर कोलेस्ट्रॉल को काफी खतरनाक माना जाता है. 

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