Skincare Tips for Air Pollution Days: सर्दी का मौसम आते ही हवा की क्वालिटी भी गिर जाती है और स्मॉग घना होने लगता है. दिल्ली-एनसीआर में हालात इस समय काफी खराब है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ज्यादातर इलाकों में AQI 400 के आसपास बना हुआ है.
दिल्ली की हवा जहरीली हो गई है जिसका सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं बल्कि स्किन पर भी बुरा असर पड़ता है. धूल, मिट्टी और जहरीले तत्व त्वचा के रोमछिद्र को बंद कर देते हैं, उम्र बढ़ने के प्रोसेस को तेज कर देते हैं, इससे स्किन ब्रेकआउट वाली भी बन सकती है. इसलिए इस समय हमें अपने फेफड़ो का ही नहीं बल्कि अपनी स्किन का भी खास ख्याल रखना चाहिए.
हेल्दी और ग्लोइंग स्किन को बनाए रखने के लिए हमें कुछ स्किनकेयर रूटीन को अपनाना चाहिए. डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. रिंकी कपूर बताती हैं कि लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से त्वचा जल्दी बूढ़ी होने लगती है, उसे सुस्ती और सूजन होती है. इसलिए सुरक्षा बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से होनी चाहिए. डॉ. कपूर ने कुछ हेल्दी टिप्स बताए हैं, जिन्हें फॉलो करके आप अपनी स्किन को पॉल्यूशन के दौरान बचा सकते हैं.
साफ-सफाई आपकी स्किन की पहली ढाल है, दिनभर चेहरे पर जमा धूल, तेल और पसीना मिलकर एक परत बनाते हैं जो रोमछिद्र बंद कर सकती हैं. जो ब्रेकआउट्स का कारण बन सकती है, इसलिए हमें हमेशा चेहरे की गहरी सफाई करनी चाहिए.
स्किन पर कभी-कभी गंदगी और डेड सेल्स चिपके रहते हैं. ऐसे में एक्सफोलिएशन इसे हटाने में मदद करता है और नई त्वचा को सांस लेने देता है.
प्रदूषित हवा स्किन बैरियर को कमजोर कर देती है, जिससे रेडनेस और ड्राईनेस बढ़ता है.
प्रदूषण फ्री रेडिकल्स को पैदा करता है, जो कोलेजन को नुकसान पहुंचाते हैं और उम्र जल्दी बढ़ाते हैं.
हमारी स्किन के लिए हाइड्रेशन बेहद जरूरी होता है और इसलिए हमेशा मॉइश्चराइजर लगाएं. सबसे जरूरी चीज है कि आप अपनी स्किन टाइप के मुताबिक नॉन-कॉमेडोजेनिक मॉइश्चराइजर ही चुनें.
अगर आप सोचते हैं कि सनस्क्रीन को स्मॉग के समय लगाने का कोई फायदा नहीं है तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि भले ही स्मॉग हो, UV किरणें आसानी से प्रदूषण और बादलों के बीच से गुजरती हैं, इसलिए बिना सनस्क्रीन के घर से बाहर कदम नहीं रखना चाहिए.
सोने से पहले स्किन को डिटॉक्स करना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि रात में त्वचा खुद को रिपेयर करती है.
आखिर और सबसे जरूरी चीज होती है कि अंदरूनी सुरक्षा. डॉ. कपूर का कहना है कि स्किनकेयर रूटीन तब तक अधूरा है जब तक शरीर को अंदरूनी पोषण न मिले.