दिवाली के बाद से दिल्ली-NCR और कुछ पड़ोसी इलाकों में वायु गुणवत्ता लगातार बिगड़ती जा रही है. पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के कारण भी हवा काफी जहरीली हो गई है जिससे लोगों के बीच सांस से जुड़ी समस्याएं पैदा हो रही हैं. अस्पतालों में प्रदूषण और हानिकारक गैसों से जुड़ी खांसी और सांस संबंधी बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी भारी वृद्धि दर्ज की जा रही है.
डॉक्टरों का कहना है कि जब तक प्रदूषण का स्तर कम न हो जाए और वायु गुणवत्ता में सुधार न हो जाए तब तक सुबह और शाम की सैर समेत ज्यादा से ज्यादा बाहर की एक्टिविटीज से बचना चाहिए. लेकिन ऐसे बहुत सारे लोग हैं जिनके दिन की शुरुआत सुबह की सैर के साथ होती है. उन्हें ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए.
क्या सुबह की सैर बंद कर देनी चाहिए
डॉक्टरों का कहना है कि इस सीजन में हर साल दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद जहरीली हो जाती है. प्रदूषित हवा स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए. इससे होने वाली दिक्कतों को कम करने के लिए खासकर सुबह और शाम के समय बाहर जाने से बचना चाहिए.
चूंकि अभी बहुत हवा नहीं चल रही है इसलिए सुबह के समय प्रदूषण के कण जमीन पर जमा रहते हैं. नतीजतन जो लोग सुबह-सुबह टहलने जाते हैं, वो वास्तव में ताजी हवा की बजाय प्रदूषण वाली हवा में सांस ले रहे होते हैं. इसके अलावा प्रदूषक तत्वों के हानिकारक कण और कार्बन फेफड़ों और ब्लड फ्लो में प्रवेश कर सकते हैं जिससे सांस से जुड़ी गंभीर दिक्कतें हो सकती हैं.
क्या रात में टहला जा सकता है
रात में भी टहलना बहुत सेफ नहीं है क्योंकि शाम को तापमान गिरने से प्रदूषण की परत फिर से जमीन के पास जम जाती है. इससे शाम को धुंध बनती है जिससे वातावरण में प्रदूषकों और धूल का हाई कॉन्सेंट्रेशन होता है. नतीजतन रात की सैर भी आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है. हेल्थ एक्सपर्ट सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलने को सीमित रखने और दरवाजे व खिड़कियां बंद रखने की सलाह देते हैं.
वॉक के लिए क्या करें
ऐसे लोग जो अपने वॉक का रूटीन स्किप नहीं कर सकते, उन्हें डॉक्टर देर से (यानी अर्ल मॉर्निंग नहीं बल्कि लेट मॉर्निंग) के दौरान टहलने की सलाह देते हैं क्योंकि सूरज की रोशनी प्रदूषण को कम करने में मदद करती है. सुबह 8-9 बजे के बाद हवा की गुणवत्ता थोड़ी बेहतर होती है जिससे यह बाहर निकलने और व्यायाम के लिए ज्यादा सुरक्षित समय है.
इसलिए लेट मॉर्निंग और दोपहर के समय टहलने जाएं, जब धूप और हल्की हवाएं प्रदूषकों को तितर-बितर कर चुकी होती हैं. लेकिन इस दौरान सेफ्टी के लिए हाई क्वालिटी का N95/FFP2 मास्क जरूर पहनें.
इसके अलावा सुबह-शाम के समय खिड़कियां बंद रखें, घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें. आप चाहें तो घर में ही योग और एक्सरसाइज कर सकते हैं. इसके साथ ही घर के सभी सदस्यों को गले में तकलीफ, सीने में जकड़न या बहुत थकान जैसे लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए. ज्यादा दिक्कत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.