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डार्क चॉकलेट से थमेगी उम्र की रफ्तार, समय से पहले पास नहीं आने देगी बुढ़ापा! जानें क्या कहती है नई स्टडी

लंदन के किंग्स कॉलेज की हालिया स्टडी में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद एपिकैटेचिन नामक फ्लैवानॉल उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. रिसर्च से पता चलता है कि उम्र बढ़ने के प्रभावों को कम करने में मददगार हो सकता है, लेकिन डार्क चॉकलेट को जादुई इलाज नहीं माना जाना चाहिए.

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मीठा खाने से कई बीमारियां होती हैं. (Photo:ITG)
मीठा खाने से कई बीमारियां होती हैं. (Photo:ITG)

Dark Chocolate May Slow Ageing: बच्चों से लेकर बड़े सभी चॉकलेट खाना पसंद करते हैं और डार्क चॉकलेट खाने के शौकीन लोग ज्यादा है. वैसे तो मीठा कम खाना ही सेहत के लिए बेहतर होता है, लड़कियों को यह फेवरेट होती है. इतना ही नहीं कहा जाता है कि वेट लॉस में डार्क चॉकलेट खाने से कोई नुकसान नहीं होता है और इसे ज्यादातर लोग मूड बूस्टर के तौर पर खाते हैं. चॉकलेट खाने से दांत खराब हो जाएंगे तो आपने बहुत सुना होगा, लेकिन अब नई स्टडी में डार्क चॉकलेट को लेकर चौंकाने वाली बात सामने आई है. डॉर्क चॉकलेट को वैसे तो शुरुआत से ही आम चॉकलेट से हेल्दी माना जाता है, लेकिन अब नई रिसर्च ने इस बात पर ध्यान खींचा है कि डार्क चॉकलेट में मौजूद प्राकृतिक तत्व हमारे शरीर की उम्र बढ़ने की प्रोसेस को थोड़ा धीमा करने में मदद कर सकते हैं.

स्टडी में क्या पाया गया? 

लंदन के किंग्स कॉलेज की हालिया स्टडी में दावा किया गया है कि कोको में पाया जाने वाला एक नेचुरल कंपाउड उम्र के साथ सेल्स की सेहत को बेहतर बनाए रखने में मददगार हो सकता है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि डार्क चॉकलेट कोई जादुई एंटी-एजिंग फूड है. लेकिन यह रिसर्च बताती है कि कुछ पौधों में पाए जाने वाले केमिकल हमारी बॉडी को हेल्दी तरीके से एंजिग होने में मदद कर सकते हैं.

यह रिसर्च लंदन के किंग्स कॉलेज की टीम ने की थी, जिसका टाइटल 'डार्क चॉकलेट में मौजूद मुख्य केमिकल उम्र बढ़ने की स्पीड को स्लो कर सकता है' था. स्टडी में एपिकैटेचिन के घटक की तरफ ध्यान खींचा, एपिकैटेचिन एक प्रकार का फ्लैवानॉल है, जो कोको और कई पौधों में पाया जाता है.

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एपिकैटेचिन कैसे काम करता है?

रिसर्चर्स ने देखा कि एपिकैटेचिन का सीधा असर हमारे शरीर की रक्त वाहिनियों की अंदरूनी परत पर होता है. उम्र बढ़ने के साथ यह परत कमजोर होने लगती है, जिससे ब्लड फ्लो, हार्ट हेल्थ और एनर्जी लेवल पर असर पड़ता है.

स्टडी में एपिकैटेचिन के ये असर देखें- 

  • ब्लड वेसल्स का बेहतर रिलैक्स होना, जिससे ब्लड फ्लो सुधरता है
  • नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) लेवल में सुधार, जो उम्र के साथ कम होता है
  • एंडोथीलियल फंक्शन में सुधार, जिससे वेसल्स ज्यादा जवां की तरह काम करते हैं

साइंटिस्ट ने कंट्रोल्ड और प्यूरीफाइड एपिकैटेचिन का इस्तेमाल किया. यानी उन्होंने चॉकलेट नहीं खिलाई, बल्कि एपिकैटेचिन का वास्तविक केमिकल यूज किया. 

क्या ज्यादा डार्क चॉकलेट खानी चाहिए?

स्टडी में भले ही यह पाया गया है कि डार्क चॉकलेट खाने से बढ़ती उम्र को स्लो किया जा सकता है, लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसे अधिक मात्रा में खाया. डार्क चॉकलेट में एपिकैटेचिन जरूर होता है, लेकिन साथ ही इसमें चीनी, ज्यादा कैलोरी और सैचुरेटेड फैट भी मौजूद होता है. इसलिए इसे रोज-रोज ज्यादा मात्रा में खाना सही नहीं है. इसलिए सिर्फ चॉकलेट पर निर्भर होने के बजाय, प्लांट बेस्ट फूड्स खाना को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं. जिनमें फ्लैवानॉल पाया जाता है.

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 फ्लैवानॉल किन चीजों से मिलता है? 

  • बेरीज
  • सेब
  • चाय
  • अंगूर

एपिकैटेचिन क्या कर सकता है?

उम्र बढ़ने का सबसे बड़ा कारण खराब ब्लड सर्कुलेशन माना जाता है, जब ब्लड फ्लो कमजोर होता है. तो इसका असर दिमाग, दिल, स्किन और पूरे शरीर पर पड़ता है.ऐसे में एपिकैटेचिन जैसे फ्लैवानॉल शरीर को कई परेशानियों में राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. 

  • सूजन कम करने में
  • बेहतर ब्लड फ्लो में
  • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में
  • दिल और मेटाबॉलिज्म की सेहत सुधारने में


 

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