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नसों में चिपका गंदा कोलेस्ट्रॉल निकल जाएगा बाहर, बस रोज करें ये काम

बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना शरीर में काफी खतरनाक होता है जिसकी वजह से हार्ट डिसीस, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा भी बढ़ता है. यहां हम आपको कुछ ऐसी आदतें बता रहे हैं जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ा सकती हैं.

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कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे घटाएं (Photo: AI generated)
कोलेस्ट्रॉल लेवल को कैसे घटाएं (Photo: AI generated)

शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना आजकल के दौर की एक सामान्य समस्या है. कई लोगों को लगता है कि मरीज लगातार ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की समस्या लेकर आते हैं, वे आमतौर पर इसका कारण जेनेटिक मानते हैं.

इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शैलेश सिंह ने ट्विटर पर इस धारणा को गलत बताया और कहा, आपका कोलेस्ट्रॉल जेनेटिक कारणों से नहीं बढ़ता. यह इसलिए बढ़ता है क्योंकि आप गलत खाते हैं, एक्सरसाइज नहीं करते और कहते हैं कि हम इसे (एक्सरसाइज) सोमवार से शुरू करेंगे.

उन्होंने तीन ऐसी आदतों के बारे में बताया जो उनके अनुसार, उनके क्लिनिक में आने वाले ज्यादातर मरीजों की समस्या का कारण होती हैं. 

वजन कम करने से आपके लिपिड पर क्या असर होता है
वजन कम करने से शरीर में फैट और चीनी का पाचन बदल जाता है और यह असर मामूली नहीं होता. वजन घटाने पर किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि 10 किलोग्राम वजन कम करने से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल 7-9 mg/dL तक कम हो जाता है, जबकि शरीर के पहले 5-10 प्रतिशत वजन कम करने से ट्राइग्लिसराइड और कुल कोलेस्ट्रॉल में सबसे ज्यादा सुधार होता है. इसका मतलब यह है कि थोड़ा सा भी वजन कम करने से बाकी चीजें जैसे बैलेंस डाइट या दवा बेहतर तरीके से काम करते हैं. इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती है.

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शराब कम करने और छोड़ने में क्या अंतर है
डॉ. सिंह साफ कहते हैं, शराब और धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दें. डब्ल्यूएचओ और विश्व हृदय संगठनों ने कहा है कि कुल मिलाकर स्वास्थ्य के लिए शराब की कोई सुरक्षित मात्रा नहीं है और थोड़ी-सी मात्रा भी कैंसर और हृदय रोग का खतरा बढ़ाती है. कार्डियोलॉजी में शराब ब्लड प्रेशर बढ़ाती है, एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी हृदय संबंधी समस्याएं पैदा करती है और हृदय संबंधी बीमारियों को बढ़ाती है. 

धूम्रपान से होने वाला नुकसान कोलेस्ट्रॉल से कहीं ज्यादा है
जब डॉ. सिंह कहते हैं कि धूम्रपान न केवल फायदेमंद HDL को कम करता है बल्कि कोलेस्ट्रॉल ट्रांसपोर्ट में शामिल एंजाइम और लिपोप्रोटीन कणों को भी बदल देता है, HDL को खराब करता है और ब्लड वेसल्स ( रक्त वाहिका) को नुकसान पहुंचाकर और रक्त के थक्के जमने से एथेरोस्क्लेरोसिस को बढ़ाता है. दुनिया भर की हेल्थ एजेंसियां ​​धूम्रपान को समय से पहले हृदय रोग से होने वाली मौतों का मुख्य कारण मानती हैं. धूम्रपान छोड़ने से HDL जल्दी बेहतर होता है और आने वाले सालों में हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है.

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