Healthy Liver Tips:आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती लाइफस्टाइल का सीधा असर हमारे खानपान पर पड़ रहा है. फास्ट फूड, ज्यादा तेल-मसाले और अनियमित खाने की आदतों के कारण फैटी लिवर, लिवर इंफेक्शन और लिवर डैमेज जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. भारतीय खाने में रोटी और चावल के बिना खाने की प्लेट अधूरी मानी जाती है. अधिकतर लोग दिन में दो से तीन बार गेहूं की रोटी खाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि लिवर के लिए गेहूं की बजाय एक दूसरे अनाज की रोटी ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है?
योग गुरु और आयुर्वेदाचार्य आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, मक्की का आटा पोषण की नजर से बेहद फायदेमंद है और खासतौर पर लिवर को हेल्दी रखने में मदद करता है. मक्की के आटे में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं, जो लिवर की कार्यक्षमता को बेहतर बनाते हैं.
मक्की के आटे में मौजूद फाइबर डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखने में मदद करता है. जब डाइजेसन सही रहता है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा नहीं होते और लिवर पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता. यही कारण है कि मक्की की रोटी फैटी लिवर की समस्या में खासतौर से फायदेमंद मानी जाती है. यह लिवर में जमा अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी मदद कर सकती है.
इसके अलावा मक्की के आटे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. ये फ्री रेडिकल्स लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं. मक्की की रोटी का नियमित सेवन लिवर सेल्स को रिपेयर करने और उन्हें मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है.
एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मक्की का आटा ग्लूटेन-फ्री होता है, जिससे यह उन लोगों के लिए भी अच्छा ऑप्शन है जिन्हें गेहूं पचाने में दिक्कत होती है. हल्का और आसानी से डाइजेस्ट होने के कारण यह लिवर को आराम देता है और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है.
इन बातों का रखें ध्यान
हालांकि,मक्की के आटे का इस्तेमाल करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मक्की की रोटी को बैलेंस डाइट के साथ ही खाना चाहिए.इसके साथ हरी सब्जियां, दाल और सलाद शामिल करें. तला-भुना, ज्यादा मीठा और शराब से दूरी बनाना भी लिवर को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है.
अगर आप अपने लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो गेहूं की रोटी के साथ-साथ मक्की की रोटी को भी अपनी डाइट में शामिल करें. सही खानपान और बेहतर लाइफस्टाइल अपनाकर आप लिवर डैमेज जैसी गंभीर समस्याओं से खुद को बचा सकते हैं.