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सिद्धारमैया पर फिर टला फैसला, 7 जनवरी तक बने रहे सीएम तो तोड़ देंगे ये रिकॉर्ड

कर्नाटक में सीएम की कुर्सी को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार लंबे समय से आमने-सामने हैं, लेकिन अब फैसला कांग्रेस हाईकमान के पाले में है. माना जा रहा है कि जनवरी 2026 में दोनों ही नेताओं की दिल्ली में कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक हो सकती है. 7 जनवरी तक सिद्धारमैया अपनी कुर्सी पर बने रहते हैं तो नया रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे.

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कर्नाटक में सिद्धारमैया क्या बनाएंगे नया रिकॉर्ड? (Photo-INC)
कर्नाटक में सिद्धारमैया क्या बनाएंगे नया रिकॉर्ड? (Photo-INC)

कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर खींचतान जारी है. राज्य सरकार के ढाई साल पूरे होने के साथ ही सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच शह-मात का खेल शुरू हो गया है. शिवकुमार को सीएम बनाने की मांग को लेकर उनके समर्थक बेंगलुरु से दिल्ली तक पहुंच गए थे, लेकिन वे सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हिला सके. कर्नाटक में सत्ता के नेतृत्व परिवर्तन का फैसला कांग्रेस हाईकमान के पाले में है, जो नए साल की शुरुआत के साथ तय हो सकता है.

डीके शिवकुमार ने चार दिन पहले बताया था कि जब हाईकमान बुलाएगा, तो दोनों दिल्ली जाकर उनसे मुलाकात करेंगे. शिवकुमार ने कहा था कि पार्टी हाईकमान ने हम दोनों को फोन पर बताया है कि वे हमें कब बुलाएंगे. हम दोनों जाएंगे. उन्होंने कहा है कि वे उचित समय पर हमें बुलाएंगे और हम उस कॉल का इंतज़ार करेंगे.

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वहीं, राज्य कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी हाईकमान जनवरी के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को दिल्ली बुला सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ होने वाली बैठक में सीएम की कुर्सी की लड़ाई खत्म हो सकती है. ऐसे में क्या सिद्धारमैया के 'सबसे लंबे समय तक कर्नाटक के सीएम रहने' के रिकॉर्ड के लिए टाइमलाइन सेट की जा रही है?

जनवरी में क्या निकलेगा कर्नाटक का समाधान?

कर्नाटक में कांग्रेस सीएम पद को लेकर लंबे समय से अंतर्कलह से जूझ रही है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और डिप्टीसीएम डीके शिवकुमार के बीच सियासी टकराव खुलकर सामने आ गई है. शिवकुमार के समर्थक मुख्यमंत्री पद रोटेशन के लिए 2023 के 'सत्ता-साझाकरण' वादे को लागू करने की बात कर रहे हैं. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपना ढाई साल का कार्यकाल 20 नवंबर को पूरा कर चुकी है.

डीके शिवकुमार के समर्थक सीएम बदलने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. इसके लिए 18 मई 2023 के उस कथित समझौते की याद दिलाई जा रही है, जिसमें ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने का फार्मूले पर समझौता हुआ था. डीके शिवकुमार इसी समझौते के तहत सीएम बनने के लिए खुलकर उतर गए थे.

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कर्नाटक में सीएम बदलने का मामला कांग्रेस हाईकमान के पाले में है. एक महीने से चल रही खींचतान का हल क्या जनवरी में निकल सकता है, क्योंकि शिवकुमार के समर्थकों ने एक बार फिर दावा किया है कि जनवरी की शुरुआत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पूर्व सीएम देवराज उर्स को पीछे छोड़कर राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड अपने नाम कर सकते हैं. उसके बाद कांग्रेस हाईकमान सिद्धारमैया और शिवकुमार के बैठक कर हल निकालने की कवायद करेंगे.

डीके शिवकुमार ने मंगलवार को कहा, 'हाई कमान ने हम दोनों को फोन पर बताया है कि कब बुलाएंगे, पार्टी लीडरशिप जब बोली बुलाएगी तो हम दोनों जाएंगे. उन्होंने कहा है कि वे उचित समय पर हमें बुलाएंगे, हम उस कॉल का इंतजार करेंगे.' इससे पहले सिद्धारमैया ने कहा था वो अभी मुख्यमंत्री हैं. पर मुझे कब तक सत्ता संभालनी है, उसका फैसला कांग्रेस नेतृत्व और गांधी परिवार को करना है. कांग्रेस नेतृत्व जो भी फैसला, उसे वो स्वीकार करेंगे. दोनों ही नेता हाईकमान की बात को स्वीकार करने का दावा कर रहे हैं.

सिद्धारमैया के रिकॉर्ड के लिए टाइमलाइन

सिद्धारमैया कर्नाटक में सबसे ज्यादा लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड अपने नाम करना चाहते हैं, लेकिन इस राह में सबसे बड़ी बाधा शिवकुमार बन रहे हैं. मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया 6 जनवरी 2026 तक बने रहते हैं तो कर्नाटक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड देवराज अर्स का तोड़ देंगे. क्या यही वजह है, जिसके लिए कांग्रेस हाईकमान अभी तक मामले को टाल रहा है.

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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही कांग्रेस हाईकमान के फैसले को स्वीकार करने की बात कर रहे हैं, उसके बाद भी दिल्ली में दोनों ही नेताओं की बैठक अभी तक पार्टी नेतृत्व के साथ नहीं हो सकी है. कांग्रेस हाईकमान सिद्धारमैया के रिकार्ड बनाने के लिए टाइमलाइन सेट किया जा रहा है, जिसके लिए जनवरी में बैठक की बात कही जा रही है.

देवराज उर्स का रिकार्ड तोड़ पाएंगे सिद्धारमैया?

कर्नाटक के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड डी देवराज उर्स के नाम है.1970 के दशक में दो कार्यकालों (1972-77 व 1978-80) में कुल 7 साल से अधिक समय तक कार्यभार संभाला था. देवराज उर्स 7 साल, 234 दिनों तक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. पहली बार में 20 मार्च 1972 - 31 दिसंबर 1977 और दूसरी बार 17 मार्च 1978 - 8 जून 1980 तक सीएम रहे.

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया अब देवरास उर्स के रिकॉर्ड को तोड़ने के करीब पहुंच गए. सिद्धारमैया 6 जनवरी 2026 तक सीएम बने रहते हैं तो डी देवराज उर्स के बराबर पहुंच जाएंगे और 7 जनवरी 2026 से वह कर्नाटक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक पद पर रहने वाले मुख्यमंत्री बन जाएंगे. सिद्धारमैया दो बार सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हैं.

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सिद्धारमैया पहली बार 13 मई 2013 से 17 मई 2018 तक यानी 5 साल और 4 दिन सीएम रहे. इसके बाद वो 20 मई 2023 को दूसरी बार सीएम बने, जिसके बाद से अपनी कुर्सी पर बने हुए हैं. अगर सिद्धारमैया 7 जनवरी तक सीएम की कुर्सी पर बने रहते हैं तो कर्नाटक में सबसे लंबे समय तक सीएम रहने का रिकार्ट अपने नाम कर लेंगे.

कांग्रेस हाईकमान जिस तरह से सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की बैठक अभी तक टाल रहा है, उससे साफ दिख रहा है कि सिद्धारमैया कर्नाटक के इतिहास के सबसे लंबे समय का रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे. सिद्धारमैया लगातार दावा कर रहे हैं कि पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस हाईकमान क्या फैसला लेता है?

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