लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सासंदों की हरकतों से स्पीकर सोमनाथ चटर्जी इतने दुखी हो गए कि अपने आंसू रोक ना पाए. वामदल का दामन छूटने के बाद ये चौथा मौका था जब सदन में सोमनाथ की आंखें नम हुईं.