जिसे अपनों ने छला और उम्र के पहचतरवें पड़ाव पर महानगर में जिसने खुद को अकेला पाया, उन बुजर्ग महिला को मिल गया अपना बेटा और जरिया बना आज तक. जानकी देवी को बेटे का पता मालूम नहीं था, लेकिन जब ये खबर आज तक पर दिखाई गई तो एक रिश्तेदार ने इनके बेटे को इत्तला दे दी.