ऐसा लगता है कि दिल्ली के नर्सरी स्कूलों पर कोई नियम-क़ानून नहीं लागू होता. वे डंके की चोट पर जो चाहे कर सकते हैं. तभी तो ऐडमिशन के लिए सरकारी गाइडलाइंस जारी होने के बावजूद अभिभावकों को ठोकरें खानी पड़ रही हैं.