महाशिवरात्रि और महाकुंभ का संयोग, आशा पैदा करने का पर्व और निराशा को दूर करने का पर्व. मान्यता है कि इस दिन दिव्य शक्तियां साकार होती हैं और खुद 33 करोड़ देवी-देवता महाकुंभ की नगरी हरिद्वार में विद्यमान रहते हैं. इस आस्था के महाकुंभ के लिए देश के कोने-कोने से लोग हरिद्वार पहुंचे हैं. शाही स्नान के लिए पहाड़ों की गुफाओं से साधु-संत भी हरिद्वार पहुंचे हैं.