मानसून की भारी बारिश ने उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में कहर बरपाया है. हरियाणा में यमुना के जलस्तर में चिंताजनक वृद्धि से यहां के कुछ हिस्सों में बाढ़ आ गई. इन सबसे 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, जबकि सैकड़ों लोग बाढ़ में फंस गए हैं.
उत्तराखंड में बीते 48 घंटों से लगातार जारी बारिश की वजह से गंगा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई बाढ़ से 58 लोगों की मौत हो गई और 34 लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा करीब 164 इमारतें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.
देहरादून में आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न इलाकों में जारी भारी बारिश की वजह से 7 लोग लापता हैं. वहीं, एक हेलीकॉप्टर सहित 5 वाहन भी पानी में बह गए.
उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ का कहर जारी है, जहां विभिन्न घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो गई. उत्तराखंड में जारी भारी बारिश की वजह से पास के सहारनपुर जिले में अचानक बाढ़ आ गई.
उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग में सबसे अधिक 20 लोगों की मौत हुई है, जबकि चमोली, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में दो-दो लोगों की मौत हो गई. देहरादून में 7 और अल्मोड़ा में 4 लोगों के मरने की खबर है. रूद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा से सटे इलाके में कई मकान, मंदिर, होटल, रेस्ट हाउस तथा वाणिज्यिक एवं रिहायशी इमारतें ध्वस्त हो गईं.
मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों से बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया और लोगों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि सेना, बीएसएफ और आईटीबीपी की मदद से युद्धस्तर पर राहत अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम के कारण बाधा आ रही है.
बहुगुणा ने कहा कि भारी बारिश को देखते हुए चारधाम और मानसरोवर तीर्थयात्राएं स्थगित कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि मौसम के सुधरते ही यात्राएं शुरू हो जाएंगी.
सोमवार से नैनीताल में हो रही बारिश से यहां की झील का जल स्तर पांच फुट ऊपर बढ़ गया है और इससे कई पर्यटक उनकी छुट्टियां दरवाजों के अंदर बिताने के लिए मजबूर हो गए हैं.
वहीं, हरियाणा में सामान्य से करीब 15 दिन पहले पहुंचे दक्षिण-पश्चिम मानसून से राज्य के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर यमुनानगर में हुई भारी बारिश की वजह से सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. यमुना नदी के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि की वजह से बाढ़ में फंसे 52 लोगों को सेना और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) की मदद से बचा लिया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ में फंसे शेरगढ़ टापू गांव के डेढ़ सौ और करनाल जिले में चंदराव गांव के 42 लोगों को भी वहां से निकाला जा चुका है.