खानपुर के विधायक उमेश कुमार और उनके 200 से अधिक समर्थकों के खिलाफ लक्सर में बिना अनुमति महापंचायत करने और दंगा फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. शुक्रवार को उमेश कुमार के समर्थकों ने लक्सर में महापंचायत के लिए इकट्ठा होना शुरू कर दिया, हालांकि यह कार्यक्रम पहले ही रद्द कर दिया गया था. जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो झड़प हो गई, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
क्यों बुलाई गई थी महापंचायत?
यह महापंचायत विधायक उमेश कुमार के समर्थन में और उनके कैंप ऑफिस पर हुई फायरिंग के विरोध में रखी गई थी. इस फायरिंग का आरोप खानपुर के पूर्व बीजेपी विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन पर लगा है. लेकिन महापंचायत के दौरान भीड़ ने पुलिस पर ईंट और पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस दौरान चार पुलिसकर्मी घायल हो गए.
किन लोगों पर दर्ज हुआ केस?
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोवाल के अनुसार, उमेश कुमार के अलावा विकास शर्मा, राजकिशोर शर्मा, प्रवेश भारद्वाज, सतीश भारद्वाज, कपिल पंडित और 150-200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. फॉरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए हैं. लक्सर पत्थरबाजी मामले में दंगाइयों की पहचान की जा रही है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी. हरिद्वार पुलिस सोशल मीडिया पर भी नजर रख रही है और अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बढ़ती राजनीतिक तनातनी
उमेश कुमार और पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. पहले चैंपियन के समर्थकों में लंढौरा में 'गुर्जर महापंचायत' हुई, इसके जवाब में उमेश कुमार के समर्थकों ने 'ब्राह्मण महापंचायत' का ऐलान किया. लेकिन पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसके बावजूद हजारों लोग लक्सर में इकट्ठा हो गए, जिसके कारण हंगामा हो गया.
एसएसपी डोवाल ने कहा, 'जो लोग माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'