Chardham Yatra 2022: चारधामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रविवार सुबह 6 बजकर 15 मिनट पर खोल दिए गए. हजारों भक्तों की जयकारों के बीच आज सुबह पौराणिक परंपरा व विधि विधान से बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए. बद्रीनाथ मंदिर को फूलों और लाइटों से सजाया गया है. अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले में गढ़वाल पहाड़ी ट्रैक में स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है.
यह मंदिर चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है जिसे 'चार धाम' कहा जाता है जिसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं. यह उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है. यह धाम हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) के लिए खुला रहता है. चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई थी.
रविवार सुबह बद्रीनाथ धाम में बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालओं के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान और मंत्रोच्चारण और सेना बैंड की धुनों के साथ खोल दिए गए. उधर, चारधाम यात्रा के दौरान इस साल दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी गई है. सरकारी आदेश में कहा गया है कि बद्रीनाथ धाम में रोजाना 15 हजार, केदारनाथ में 12 हजार, गंगोत्री में 7 हजार और यमुनोत्री में 4 हजार श्रद्धालुओं को ही प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति होगी.
#WATCH | Uttarakhand: The doors of Badrinath Dham opened for devotees with rituals and chanting and the tunes of army band with a large number of devotees present in Badrinath Dham. pic.twitter.com/LiCTexcbJu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 8, 2022
केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के खुल चुके हैं कपाट
इससे पहले बाबा केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुल चुके हैं. 6 मई को बाबा केदारनाथ के जबकि 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुल चुके हैं. चार धाम यात्रा में भारी तादाद में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है क्योंकि आने वाले कई दिनों के लिए रजिस्ट्रेशन पहले से ही फुल चल रहे हैं.
कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन
आप उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के लिए पर्यटन विभाग द्वारा संचालित पोर्टल https://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार ने यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था, खान-पान और पार्किंग की पूरी व्यवस्था की है. श्रद्धालुओं को आगमन से पहले राज्य के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया गया है.
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