गाजियाबाद में एक निजी स्कूल के छात्र की मौत के मामले में परिवहन विभाग के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि 51 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ये कार्रवाई की गई है. बता दें कि दो दिन पहले स्कूल बस की खिड़की से बाहर झांकने के दौरान 10 साल के छात्र की मौत हो गई थी.
बताया जा रहा है कि पुलिस ने थाने के बाहर मृतक छात्र को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन का आह्वान करने के आरोप में 51 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इन लोगों ने सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन के लिए लोगों से जुटने का आह्वान किया था.
ग्रामीण एसपी ने दी ये जानकारी
ग्रामीण एसपी इराज राजा ने कहा, "लोकेंद्र आर्य नाम के एक युवक ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन का सोशल मीडिया पर आह्वान किया. यह हिंसा भड़काने जैसा है. मामले में आईपीसी और आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उधर, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जिले की एक महिला अधिकारी बच्चे की रोती हुई मां को डांटती और नहीं रोने का इशारा करती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि वीडियो गुरुवार का है. दरअसल, मृतक के परिवार के सदस्यों ने पुलिस पर मामले में स्कूल अधिकारियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दिल्ली-मेरठ राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था. छात्र की मौत से नाराज उसके परिजनों ने गुरुवार को दिल्ली-मेरठ मार्ग पर दो घंटे तक धरना दिया.
वीडियो में बच्चे की मां को डांटती दिख रही महिला अधिकारी
सब डिविजनल मजिस्ट्रेट शुभांगी शुक्ला नाम की अधिकारी सड़क पर बैठी मां को डांटती नजर आ रही है. इस वीडियो के संबंध में सीनियर प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बातचीत नहीं हो पाई. बता दें कि बुधवार को मोदी नगर के एक निजी स्कूल का छात्र बस से बाहर झांक रहा था. इसी दौरान उसका सिर बिजली के खंभे से टकरा गया था जिसके चलते उसकी मौत हो गई थी. मृतक के परिजनों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कराया है.
सूत्रों ने कहा कि स्कूल बस में क्षमता से अधिक छात्र सवार थे. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा जारी बस का अनिवार्य फिटनेस प्रमाण पत्र पिछले साल समाप्त हो गया था. वहीं, सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में सड़क परिवहन विभाग के अधिकारियों की भूमिका का संज्ञान लिया और उनकी कार्यशैली पर नाराजगी व्यक्त की.उन्होंने कहा कि गुरुवार को एक बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को परिवहन विभाग के कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय करने और जिम्मेदार लोगों को दंडित करने का निर्देश दिया था.
ब्लैक लिस्ट की गई स्कूल बस में हुई थी बच्चे की मौत
बताया जा रहा है कि बस ब्लैक लिस्ट होने के बावजूद चलाई जा रही थी. बस संचालन को लेकर स्कूल को दो बार नोटिस भी दिया जा चुका था. उधर, आरटीओ और प्रशासन ने सख्ती करते हुए 19 स्कूली बसों को सीज किया है जबकि 8 बसों के चालान काटे गए हैं.
(पीटीआई के एनपुट के साथ)
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