संसद के उच्च सदन (राज्यसभा) में बुधवार सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में उभयलिंगी व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 चर्चा के लिए पेश किया. राज्यसभा में जब इस बिल पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त राज्यसभा सदस्यों की संख्या काफी कम नजर आई. ज्यादातर कुर्सियां खाली नजर आ रही थीं.
जया बच्चन बोलीं- वे लोग भी हम जैसे होते हैं
यूपी से सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि जिस रफ्तार से यहां सेंसेटिव बिल को लोग सपोर्ट कर रहे हैं उससे मैं आश्चर्य में हूं. सर्टिफिकेशन इज आलसो ए डिस्क्रिमिनेशन. वे बिलकुल हम जैसे होते हैं. आपने सर्टिफिकेट की बात की. हमें उन्हें ह्यूमिलिएट करने का अधिकार नहीं है. आपने पहले तो उन्हें सेगरेट कर दिया. इसमें टेक्निकल प्वाइंट बहुत हैं जिस पर ध्यान नहीं दिया गया. इसके तरफ ध्यान देकर फिर से थिंकिंग के लिए जाना चाहिए. एक आदमी बल पूर्वक भी ट्रांसजेंडर बनाया जा सकता है, उसकी बात बिल में नहीं हैं. इस पर और सोचने की जरूरत है.
Jaya Bachchan:What's need to humiliate them like this that you have to go&tell a committee that you're a transgender?Can't segregate them this way.Bill doesn't pay attention to sensitive details-a person can forcibly be made into transgender.Let the bill please go for a revision pic.twitter.com/9ySFqynA72
— ANI (@ANI) November 20, 2019
इस बिल के मुताबिक ट्रांसजेंडर कौन हैं?
ट्रांसजेंडर व्यक्ति वो है, जिसका जेंडर उसके जन्म के समय निर्धारित हुए जेंडर से मैच नहीं करता. इनमें ट्रांस-मेन, ट्रांस-विमन, इंटरसेक्स या जेंडर-क्वियर और सोशियो-कल्चर आइडेंटिटी जैसे और किन्नर से संबंध रखने वाले लोग भी शामिल हैं.
आइडेंटिटी के लिए सर्टिफिकेट
इस बिल के मुताबिक, हर ट्रांसजेंडर के पास खुद को आदमी, औरत या थर्ड जेंडर (ट्रांसजेंडर) के तौर पर पेश करने का अधिकार होगा. हालांकि, खुद को ट्रांसजेंडर की पहचान दिलाने के लिए, ट्रांस-पर्सन को सर्टिफिकेट बनवाना होगा. इसके लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास अप्लाई करना होगा. एक रिवाइज्ड सर्टिफिकेट भी मिल सकता है. ये केवल तब होगा, जब एक व्यक्ति जेंडर कन्फर्म करने के लिए सर्जरी करवाता है. उसके बाद सर्टिफिकेट में संशोधन होगा.