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गैस लीक हादसे में एलजी पॉलिमर्स के खिलाफ केस दर्ज, कंपनी ने कही ये बात

एलजी पॉलिमर्स कंपनी के खिलाफ दर्ज केस में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 को छोड़कर सभी धाराओं में लगभग तीन से छह महीने का कारावास और जुर्माने की सजा है. जबकि 304 के तहत दस साल की सजा या उम्रकैद हो सकती है. साथ ही यह धारा गैर जमानती भी है.

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गैस लीक मामले में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज (फोटो-पीटीआई)
गैस लीक मामले में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज (फोटो-पीटीआई)

  • गोपालपट्टनम थाने में कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
  • कंपनी ने कहा कि हादसे की जांच में करेंगे पूरा सहयोग

विशाखापट्टनम में गुरुवार सुबह हुए गैस लीक के हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 200 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. विशाखापट्टनम में गैस लीक जैसा हादसा कैसे हुआ इसकी जांच की जा रही है. फिलहाल इस मामले में एलजी पॉलिमर्स कंपनी के खिलाफ गोपालपट्टनम थाने में कई धाराओं में केज दर्ज किया गया है.

कंपनी पर आईपीसी की धारा 278 (जीवन के लिहाज से वातावरण को जहरीला बनाना) , 284 ( जहरीले पदार्थ के रखरखाव में लापरवाही बरतना), 285 (लापरवाही की वजह से आग लगना और फैलना), 337(अन्य व्यक्तियों का जीवन खतरे में डालना), 338 (लोगों की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालना और 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. हालांकि 304 को छोड़कर सभी धाराओं में लगभग तीन से छह महीने का कारावास और जुर्माने की सजा है. जबकि 304 के तहत दस साल की सजा या उम्रकैद हो सकती है. साथ ही यह धारा गैर जमानती भी है.

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वहीं एलजी पॉलिमर्स कंपनी की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है कि इस घटना में जिन लोगों की जान गई है उनके परिजनों के प्रति हमलोग संवेदना जाहिर करते हैं. फिलहाल हमारी प्राथमिकता स्थानीय सरकार और प्रशासन के साथ मिलकर प्रभावित लोगों को मेडिकल सुविधा मुहैया कराना है. एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक होने के नाते हमारा पहला कर्तव्य स्थानीय नागरिकों और हमारे कर्मचारियों की सेहत और सुरक्षा का ख्याल रखना है. हमने अपनी तकनीकी टीम को जांच अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने को कहा है जिससे पता चल सके कि इस हादसे की असल वजह क्या थी?

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बयान में कहा गया है कि वैश्विक कंपनी होने के नाते हमलोग अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन करते हैं. इसलिए दोबारा से इस तरह की घटना की पुनरावृति ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए हमलोग अथॉरिटीज को पूरा सहयोग करेंगे.

कब हुआ हादसा?

विशाखापट्टनम में आज सुबह एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज का मामला सामने आते ही स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया. हालांकि इस हादसे में 11 लोगों की मौत गई, जबकि 300 से अधिक लोगों की हालत गंभीर है. हैरानी की बात है कि दक्षिण कोरिया की इस कंपनी में जब टैंक से गैस का रिसाव हुआ तो अलार्म की घंटी क्यों नहीं बजी.

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दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने फार्मा कंपनी से गैस रिसाव की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. साथ ही जो वेंटिलेटर पर हैं, उन्हें 10 लाख रुपये की मदद देने का ऐलान किया गया है.

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