गृह मंत्रालय ने अपने विभागों को हिंदी में काम करने का निर्देश क्या जारी किया, विवाद खड़ा हो गया है. हिंदी के इस्तेमाल के खिलाफ सियासी आवाज उठने लगी है. चाहे वो उत्तर का राज्य जम्मू कश्मीर हो या फिर दक्षिण का राज्य तमिलनाडु. मुख्यमंत्री जयललिता ने पीएम मोदी की चिट्ठी लिखी है और फैसले पर फिर से सोचने को कहा है.
जयललिता ने अपनी चिट्ठी में लिखा, 'आपकी सरकार के ज्ञापन से ऐसा प्रतीत होता है, जैसे हिंदी अनिवार्य है और अंग्रेजी वैकल्पिक.' उन्होंने आगे लिखा, 'आपको पता ही है कि यह बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है जो कई बार तमिलनाडु के लोगों की नाराजगी का कारण भी बना है. तमिलनाडु की जनता अपनी भाषा की विरासत को लेकर बहुत गर्व महसूस करते हैं.' जया ने लिखा कि सोशल मीडिया में अंग्रेजी भाषा ही यूज की जाए.
वहीं, पीएमके अध्यक्ष रामदौस ने भी हिंदी के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई है. रामदौस ने बयान जारी करके कहा कि हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए. रामदौस ने 22 भाषाओं को सरकारी भाषा घोषित करने की मांग की
उमर अब्दुल्ला भी हिंदी के इस्तेमाल के पक्ष में नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर में उर्दू और अंग्रेजी सिर्फ आधिकारिक भाषाएं हैं. इसलिए यह निर्देश बिल्कुल गलत है.
वहीं दूसरी तरफ सरकार अपने एक मंत्रालय के इस फैसले का बचाव कर रही है. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने साफ किया कि कोई किसी पर हिंदी को थोप नहीं रहा है. यह जरूरी नहीं है. विपक्षियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हिंदी का इस्तेमाल करना जरूरी किया गया है, यह एक प्रोपेगेंडा है. ऐसा कुछ भी नहीं है.
बीजेपी महासचिव मुख्तार अब्बास नकवी ने भी मोदी सरकार के इस फैसले का बचाव किया है. हिंदी को बढ़ावा देने के संबंध में उन्होंने शुक्रवार को तीन ट्वीट किए.
हिन्दी एवं अन्य क्षेत्री भाषाएं हिन्दुस्तान की आत्मा है- हिन्दी को प्राथमिकता देशवासियों में आत्मसम्मान एवं आत्मविश्वास का एहसास कराती है
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) June 20, 2014
हिन्दी को प्रोत्साहन एवं प्राथमिकता-राष्ट्र भाषा को सम्मान के रूप में देखा जाये न कि अंग्रेजी के अपमान के रूप में ....
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) June 20, 2014
ओडि़शा विधानसभा में हिंदी में सवाल पूछने से रोकाहिन्दी पढने-लिखने-बोलने वाला जाहिल, अंग्रेजी वाला काबिल का चलन और चोचला मिटना चाहिए .....
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) June 20, 2014
यह है गृह मंत्रालय का निर्देश
गृहमंत्रालय के आधिकारिक भाषा विभाग और समन्वय समिति ने मार्च (यूपीए सरकार के दौरान) और इसके बाद मई में ज्ञापन जारी करके कहा कि सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, ब्लॉग, गूगल प्लस और यू ट्यूब पर विभाग के सभी आधिकारिक एकाउंट पर हिंदी का इस्तेमाल अनिवार्य है या फिर हिंदी और अंग्रेजी दोनों. हालांकि हिंदी का इस्तेमाल हर हाल में पहले होना चाहिए.