भारतीय जनता पार्टी के वर्रिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि केन्द्र की असंवेदनशील यूपीए सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का बहाना बनाकर देश की जनता के साथ छलावा कर रही है.
राजनाथ सिंह ने गुलाब बाग स्थित भाजपा के काशी क्षेत्र कार्यालय में संवाददाताओं से कहा कि एक तरफ केन्द्र सरकार लगातार वायदे करती है कि वह महंगाई नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है और दूसरी तरफ पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आये 24 घंटे भी नहीं बीते कि पेट्रोल का दाम सीधे पांच रुपए प्रति लीटर बढ़ाकर उसने फिर असंवेदनशीलता का परिचय दे दिया.
सिंह ने कहा कि उसे तेल कंपनियों के बजट घाटे की चिंता तो है लेकिन आम आदमी की परवाह नहीं है.
भाजपा सांसद ने कहा, ‘स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब पेट्रोल की कीमत सीधे पांच रुपये प्रति लीटर बढ़ाई गयी. पिछले 11 माह में सातवीं बार पेट्रोल का मूल्य बढ़ाया गया और पिछले नौ से दस माह के भीतर पेट्रोल की कीमत कुल 23 रुपये प्रति लीटर बढ़ी.’
उन्होंने प्रश्नात्मक लहजे में कहा आखिर भारत में ही क्यों पेट्रोल की कीमतें लगातार उछल रही हैं. चीन पाकिस्तान व नेपाल में क्यों नहीं? मैं केन्द्र से मांग करता हूं कि वह विवेक सम्मत तरीके से कर लगाये ताकि पेट्रोल की कीमतें कम हों.
राजनाथ ने मूल्यवृद्धि रोकने के लिए राष्ट्रीय मूल्य नियंत्रण कोष या राष्ट्रीय मूल्य नियंत्रण तंत्र विकसित करने का केन्द्र को सुझाव दिया. साथ ही मांग की कि पेट्रोल की बढ़ी कीमतें तत्काल वापस हों और सरकार आगामी दिनों डीजल व कुकिंग गैस के दामों में प्रस्तावित बढ़ोतरी का दुस्साहस न करे.