scorecardresearch
 

अब 'दक्षिण का द्वार' खोलने में जुटी बीजेपी, AIADMK को मिलाने का यह बनाया फॉर्मूला

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू को साथ लाने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब 'मिशन साउथ' में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी तमिलनाडु की सत्ताधारी AIADMK को अपने साथ मिलाने की कोशिश में है.

Advertisement
X
जयललिता के निधन पर शशिकला और पन्नीरसेल्वम को सांत्वना देते पीएम मोदी (फाइल फोटो)
जयललिता के निधन पर शशिकला और पन्नीरसेल्वम को सांत्वना देते पीएम मोदी (फाइल फोटो)

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू को साथ लाने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब 'मिशन साउथ' में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी तमिलनाडु की सत्ताधारी AIADMK को अपने साथ मिलाने की कोशिश में है.

एनडीए में शामिल होगी AIADMK

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बीजेपी के कुछ शीर्ष नेता AIADMK नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं. वहीं मोदी सरकार के एक कैबिनेट मंत्री AIADMK के दोनों धड़ों प्लानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के बीच मध्यस्थता में जुटे हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह बातचीत सफल रहती है, तो तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एनडीए सरकार में शामिल हो जाएगी.

बताया जा रहा है कि मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार भी इसीलिए नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक अगस्त में मोदी कैबिनेट का विस्तार संभव है, जिसमें एआईएडीएमके को भी कैबिनेट बर्थ दिया जा सकता है.

Advertisement

जयललिता के निधन के बाद से AIADMK में खींचतान

तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके प्रमुख जे. जयललिता के निधन के बाद से ही सत्ताधारी पार्टी में खींचतान शुरू हो गई थी. जयललिता के जाने के बाद सीएम बनाए गए ओ पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) को पार्टी महासचिव शशिकला ने हटा दिया और उनकी जगह ई पलानीस्वामी (ईपीएस) को मुख्यमंत्री की कुर्सी दे दी. शशिकला के इस कदम के बाद पन्नीरसेल्वम ने बगावत कर दी और इस तरह राज्य की सत्ताधारी पार्टी दो धड़ों ओपीएस और ईपीएस में बंट गई.

बीजेपी का मिशन साऊथ फॉर्मूला

हालांकि अब खबर है कि बीजेपी सत्ताधारी AIADMK के इन दोनों धड़ों को फिर से एक करने की कोशिश में जुटी है. यहां दोनों ही धड़ों को पन्नीरसेल्वम की लोकप्रियता का एहसास है. ऐसे में ओपीएस और ईपीएस धड़े के मिलाप का जो फॉर्मूला तैयार किया गया है, उसके मुताबिक, शशिकला पार्टी की महासचिव बनी रहेंगी, वहीं ओपीएस को पार्टी में वरिष्ठ पद दिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, ईपीएस राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे, जबकि ओपीएस को राज्यसभा की सदस्यता देकर केंद्र में अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है.

शशिकला को साधना जरूरी

हालांकि यहां एक बात और गौर करने वाली है कि पार्टी का फंड संभालने वाली जयललिता की करीबी शशिकला शायद ही पार्टी पर अपनी पकड़ यूं ढीली पड़ने दें. जानकारों का मानना है कि वह दोनों के इस मिलाप में रोड़ा जरूर डालने की कोशिश करेंगी. वहीं शशिकला के बेटे और पार्टी के उप महासचिव टीटीवी दिनाकरण ने 5 अगस्त को पार्टी मुख्यालय में विधायकों की बैठक बुलाई है. बताया जाता है कि जेल में बंद शशिकला की पार्टी पर पकड़ भले ही कमजोर हुई है, लेकिन अब भी कई विधायकों उनके साथ बने हुए हैं. ऐसे में दिनाकरण की इस बैठक पर बीजेपी की भी खास नजर है.

Advertisement

 

Advertisement
Advertisement