विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर को अपनी गलती का अहसास हो गया है. इकोनॉमी क्लास को कैटल क्लास यानी मवेशियों का दर्जा कहने वाले थरूर ने देश में हंगामा मचने के बाद अपनी बातों के लिए माफी मांग ली. थरूर ने कहा कि उन्होंने मजाक किया था और लोगों को बुरा लग गया. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उनकी बातों का गलत मतलब लगाया गया.
'मैंने सिर्फ पत्रकार की बातों को दोहराया"
लाइबेरिया की यात्रा पर गए थरूर ने गुरुवार देर रात नेटवर्किंग साईट ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने इकॉनामी क्लास को खुद मवेशी क्लास नहीं कहा था बल्कि एक पत्रकार ने उनसे पूछा था कि क्या वो मवेशी क्लास में केरल का सफर करना पसंद करेंगे. शरूर के मुताबिक उन्होंने पत्रकार के ही मवेशी क्लास वाले जुमले को दोहराया भर था.
किसी का अनादर करने का इरादा नहीं था
थरूर ने आगे लिखा है कि ये बेवकूफी भरी टिप्पणी थी लेकिन इकोनॉमी क्लास में सफर करने वाले किसी मुसाफिर के अनादर का उनका कोई इरादा नहीं था. लोगों ने इसे गलत समझा. फिर भी जिन्हें इस सोच से चोट पहुंची है कि मेरा मुहावरे को दोहराना गलत था तो मैं इसके लिए खेद व्यक्त करता हूं. थरूर ने पवित्र गाय शब्द पर मचे बवाल पर भी सफाई दी है. उन्होंने लिखा है होली काउ का मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है बल्कि ऐसे सिद्धांत से हैं जिसे कोई चुनौती नहीं दे सकता.
थरूर को हुआ गलती का अहसास
थरूर की मानें तो इस घटना से उन्होंने बहुत बड़ा सबक सीखा है। थरूर ने आगे लिखा है- मैंने अब महसूस कर लिया कि मुझे ऐसा नहीं मानना चाहिए था कि लोग मजाक पसंद करेंगे. हमें ऐसे लोगों को मौका नहीं देना चाहिए जो अपनी इच्छा से आपके शब्दों को तोड़ते हैं. थरूर की बातों से साफ है उन्हें अपनी गलती अहसास हो चुका है. उम्मीद है अब कुछ भी बोलने से पहले वो सौ दफा सोच लेंगे.