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टेरर फंडिंग केस: NIA कोर्ट ने रद्द की राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका

एनआईए की एक विशेष अदालत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं यासीन मलिक, मसरत आलम, असिया अंद्राबी, शब्बीर शाह और राशिद इंजीनियर के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में 13 मार्च को सुनवाई करेगी.

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राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया है (फाइल फोटो)
राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया है (फाइल फोटो)

  • तिहाड़ जेल में बंद है राशिद इंजीनियर
  • 13 मार्च को एनआईए कोर्ट में सुनवाई

एनआईए स्पेशल कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में पूर्व निर्दलीय विधायक राशिद इंजीनियर की जमानत याचिका को रद्द कर दिया गया है. इससे पहले एनआईए ने राशिद इंजीनियर को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था. फिलहाल, राशिद इंजीनियर न्यायिक हिरासत में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.

बता दें, एनआईए की एक विशेष अदालत कश्मीरी अलगाववादी नेताओं यासीन मलिक, मसरत आलम, असिया अंद्राबी, शब्बीर शाह और राशिद इंजीनियर के खिलाफ आतंकी फंडिंग मामले में 13 मार्च को सुनवाई करेगी. जनवरी में मलिक और अंद्राबी को विशेष एनआईए जज प्रवीण सिंह के सामने पेश किया गया था, जबकि शब्बीर शाह, आलम और इंजीनियर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेश किया गया. आलम फिलहाल दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है और बाकी के आरोपी तिहाड़ जेल में बंद हैं.

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एनआईए ने चार अक्टूबर को जे एंड के लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक, जे एंड के डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी के संस्थापक शाह, अंद्राबी, ऑल-पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के महासचिव आलम और पूर्व विधायक इंजीनियर के खिलाफ नए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आतंकी वित्त पोषण (टेरर फंडिंग) मामले में दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया था.

एजेंसी ने अपने आरोप पत्र में कहा है कि पाकिस्तान उच्चायोग ने दिल्ली में एक समारोह और बैठक आयोजित की, जहां इसने हुर्रियत नेताओं को आमंत्रित किया और उन्हें अवैध गतिविधियों में धन का उपयोग करने के निर्देश दिए. एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि इन फंडों को हवाला चैनलों का उपयोग करके और शेल कंपनियों के माध्यम से कश्मीर में संबंधितों के पास भेजा गया.

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इसमें कहा गया है कि कश्मीरी हथकरघा माल के आयात और निर्यात से होने वाले लाभों का एक हिस्सा भी हुर्रियत नेताओं की ओर से संचित धन का हिस्सा रहा है. एनआईए के आरोपपत्र के अनुसार, हुर्रियत नेता अपने पाकिस्तानी हैंडलर्स के निर्देशों के अनुसार, एक व्यवस्थित और संगठित तरीके से काम कर रहे थे, जिन्होंने अपने कैडरों का नेटवर्क ग्रामीण स्तर, ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर स्थापित किया था. एनआईए ने कहा कि सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के दौरान घायल हुए युवाओं की मदद करने के नाम पर भी पाकिस्तानी समर्थकों से धन जुटाया जा रहा है.

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