मोटरमैन की हड़ताल के चलते आज दूसरे दिन भी शहर का आमजनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा. इस दौरान गैरकानूनी ढंग से एकत्रित होने और कर्मचारियों को डय्टी से रोकने के लिये करीब 170 हड़तालियों को हिरासत में लिया गया.
हड़ताल के कारण पेश आयी दिक्कतों के कारण लोगों ने सड़क मार्ग से गंतव्य जाने का विकल्प चुना जिसके चलते पश्चिमी और पूर्वी एक्सप्रैस हाइवे पर भारी जाम है. रेलवे अधिकरियों ने बताया कि मंगलवार को केवल 20 फीसदी उपनगरीय ट्रेनें चलीं. आम लोगों की तकलीफ देखते हुए शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से हड़ताल से समर्थन वापस लेने की अपील की है.
पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने बताया ‘शिव सेना प्रमुख के आदेश के बाद हडताल से समर्थन वापस ले लिया गया है. यात्रियों को काफी तकलीफ है और लोग शहर में कल से फंसे हुए हैं.’ भाजपा के वरिष्ठ नेता और एमपी गोपीनाथ मुंडे ने मोटरमैन से जनता के व्यापक हित में हड़ताल वापस लेने की अपील की है. महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर आर पाटिल ने कहा है कि राज्य सरकार ने मुंबई के यात्रियों को राहत देने के लिये केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने स्थिति पर चर्चा के लिये आपात बैठक बुलाई है. पुलिस रेलवे और परिवहन विभाग के अधिकारी इसमें भाग लेंगे. रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 20 मोटरमैन को ड्यूटी करने से इनकार करने पर बर्खास्त कर दिया गया. चव्हाण ने सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात कर हड़ताल खत्म करने के लिये केन्द्र के हस्तक्षेप की मांग की थी. {mospagebreak}
चव्हाण ने हड़ताली मोटरमैन के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिये रेल मंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी. उन्होंने कहा ‘वेतन और भत्तों में बढ़ोत्तरी की मांग गलत है क्योंकि वे छठे वेतन आयोग की सिफारिश के तहत उनका लाभ पा रहे हैं.’ चव्हाण ने कहा कि आवश्यक सेवा रखरखाव कानून (एस्मा) तत्काल लगाने का विचार नहीं है और वे हड़ताली मोटरमैन को मनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा ‘केन्द्र ने हमें एस्मा लगाने की इजाजत दे दी है लेकिन हम रेलवे यूनियनों से बातचीत कर रहे हैं और किसी सकारात्मक नतीजे की उम्मीद कर रहे हैं.’
हडताल के कारण मंगलवार को स्थिति तब बदतर हो गयी जब 40 प्रतिशत टैक्सियां सड़कों से नदारद रहीं क्योंकि उपशहरी मुंबई में रह रहे उनके चालक कार्यस्थल तक नहीं पहुंच पाये. मुंबई टैक्सी यूनियन के नेता ए एल काद्रोस ने बताया ‘सोमवार को हमें समस्या नहीं थी लेकिन मंगलवार को यह पेश आयी. जो सोमवार को घर गये थे वे नहीं आ पाये.
‘इन परेशानियों के कारण परीक्षा देने के लिये देर से पहुंचे अपने छात्रों को मुंबई विश्वविद्यालय ने परीक्षा देने की इजाजत दी और उसके लिये पूरे तीन घंटे का समय दिया. विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का संचालन कर रहे विलास शिंदे ने बताया कि हमें इस बात का पूर्वानुमान था कि छात्र देरी से पहुंचेगे. इसके लिये हमने मुंबई से रत्नगिरी तक सभी 170 केन्द्रों को निर्देश दिये थे कि देर से पहुंचने वाले छात्रों को अतिरिक्त समय दिया जाय.