अमेरिका के पूर्व शीर्ष अधिकारी रिचर्ड आर्मिटेज ने कहा कि भारत के उदय और पाकिस्तान की मौजूदा कठिनाइयों ने दक्षिण एशिया को वैश्विक स्तर पर ज्यादा अहम बना दिया है. आर्मिटेज ने यह भी स्वीकार किया कि नयी विश्व व्यवस्था के उदय के कारण अमेरिका की ताकत में कमी आ रही है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि अमेरिका सैन्य एवं आर्थिक रूप से अभी भी सबसे ताकतवर है और अगले दो दशकों तक ऐसा ही रहेगा. बुश शासनकाल में अहम पद पर रहे आर्मिटेज ने सोमवार को कहा कि तुलनात्मक रूप से अमेरिका में गिरावट तो आयी है.
एशिया की ओर ताकत का रुख मोड़ने वाली नयी विश्व व्यवस्था का मतलब तुलनात्मक रूप से अमेरिका की ताकत में कमी आना है. उन्होंने कहा ‘तुलनात्मक रूप से चीन का उदय हुआ है जिसने प्रभाव और आर्थिक वृद्धि के लिए वास्तविक प्रतियोगिता पैदा की है.’
आर्मिटेज ने यह भी कहा ‘दुनिया के दूसरे हिस्सों में, हाल में रूसी रिश्तों में बदलाव आया है, जहां वे असल में अपने पुराने दुश्मनों की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं, जैसै तुर्क और इसलिए मेरा मानना है कि आप एक आधारभूत व्यवस्था देख रहे हैं.’ आर्मिटेज ने कहा ‘नयी विश्व व्यवस्था नाम की चीज मुझे पसंद नहीं है लेकिन पारंपरिक रिश्तों को आधारभूत तरीके से व्यवस्थित करना पसंद है.’
उन्होंने कहा ‘भारत के उदय और पाकिस्तान की मौजूदा स्थितियों ने यूरोप की अहमियत थोड़ी कम जबकि दक्षिण एशिया की थोड़ी ज्यादा की है. हम निरंतर बदलाव की स्थिति में हैं.’ आर्मिटेज ने चीन के प्रति ओबामा प्रशासन की नीतियों की आलोचना की. उन्होंने व्हाइट हाउस में दलाई लामा से मुलाकात न करने और ताईवान को हथियारों की बिक्री नहीं करने के फैसले की आलोचना की. हालांकि, आर्मिटेज ने ईरान के प्रति ओबामा प्रशासन की नीतियों को सराहा.