scorecardresearch
 

सिद्धारमैया ने सावरकर को बताया गांधी का हत्यारा, कहा- कैसे दे सकते हैं भारत रत्न?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने वीर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का साजिशकर्ता बताते हुए निशाना साधा है. उन्होंने सवाल उठाया कि गांधी के हत्यारे को भारत रत्न कैसे दे सकते हैं.

Advertisement
X
पूर्व सीएम सिद्धारमैया (फाइल फोटो)
पूर्व सीएम सिद्धारमैया (फाइल फोटो)

  • वीर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के बीजेपी मेनिफेस्टो पर दंगल जारी
  • पूर्व सीएम बोले- गांधी के हत्यारे को भारत रत्न कैसे दे सकते

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने वीर सावरकर को महात्मा गांधी की हत्या का साजिशकर्ता बताते हुए निशाना साधा है. उन्होंने सवाल उठाया कि गांधी के हत्यारे को भारत रत्न कैसे दे सकते हैं.

सिद्धारमैया ने कहा कि वीर सावरकर हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे. वो उन षडयंत्रकारियों में से थे जिन्होंने महात्मा गांधी हत्या की साजिश रची. वो आरोपियों में से एक थे. सबूत नहीं मिलने के कारण उन पर किसी प्रकार का दोष साबित नहीं हो पाया और वो बरी हो गए. 100 में 90 लोगों को बरी किया गया था. सावरकर साजिशकर्ता थे. अब क्या उन्हें भारत रत्न दिया जाएगा? इस देश को क्या हो गया है?

Advertisement

बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वीर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र सरकार से ये मांग करेगी कि वीर सावरकर को भारत रत्न दिया जाए. इसके बाद से राजनीति गर्मा गई है.

कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमलावर है. कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा था कि महात्मा गांधी की हत्या के लिए वीर सावरकर को आपराधिक मुकदमे का सामना करना पड़ा था. साथ ही तिवारी ने यह भी दावा किया कि कपूर आयोग ने भी जांच की थी और हाल ही में एक लेख में यह दावा किया गया था कि आयोग ने सावरकर को जिम्मेदार माना था. अब इस देश को भगवान ही बचाए.

वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने क्या कहा

इस पूरे विवाद पर वीर सावरकर के पोते रणजीत सावरकर ने कहा कि इंदिरा गांधी ने वीर सावरकर को सम्मानित किया था . मुझे दृढ़ता से लगता है कि वह (इंदिरा) अनुयायी थीं, क्योंकि उन्होंने (इंदिरा) पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया था. सेना और विदेशी संबंधों को मजबूत किया और उन्होंने परमाणु परीक्षण भी किया. यह सब नेहरू और गांधी के फिलॉसफी के खिलाफ है.

Advertisement
Advertisement