पाकिस्तान भले ही यह कहे कि लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर कैदियों ने हमला किया था, लेकिन इस पर यकीन करना बहुत मुश्किल है. सरबजीत की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष (NCSC) राजकुमार वेरका ने कहा है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ धोखा किया है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में पहले दिन से ही सरबजीत की लाश रखी हुई थी. उन्होंने कहा, ‘मैं शुरू कह रहा हूं कि सरबजीत की मौत पहले ही हो गई थी. पहले दिन से अस्प्ताल में उनकी लाश पड़ी हुई थी.'
वेरका ने यह भी कहा कि अस्पताल में उन्हें कृत्रिम ऑक्सीजन दी जा रही थी. उन्होंने कहा, 'वेंटिलेटर में तो लाश को भी ऑक्सीजन दी जा सकती है. सरबजीत की लाश को भी वेंटिलेटर में कृत्रिम ऑक्सीजन दी जा रही थी.'
वेरका ने कहा कि सरबजीत के बच्चे ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह के परिवार को मिलने नहीं दिया क्योंकि उनकी मौत पहले से हो चुकी थी. उनकी बॉडी में कोई मुवमेंट नहीं थी.’
गौरतलब है कि आज तड़के लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत की मौत हो गई. सरबजीत पर 26 अप्रैल को कोट लखपत जेल में 6 कैदियों ने हमला किया था और उन्हें कई जगह चोटें लगी थीं. उनके सिर पर ईंटों से हमला किया गया और उनकी गर्दन और धड़ पर तेज हथियारों से वार किए गए थे. उनके बाद से वह कोमा में चले गए थ्ज्ञे.
पुलिस ने मौत की सजा का सामना कर रहे 2 कैदियों आमिर आफताब और मुदस्सर के खिलाफ हमले के लिए मामला दर्ज किया है. उन दोनों ने कथित तौर पर जांच अधिकारियों से कहा है कि उन्होंने सरबजीत पर इसलिए हमला किया क्योंकि उसने कथित तौर पर लाहौर में बम विस्फोट किए थे. हालांकि सरबजीत को पर्याप्त सुरक्षा देने में विफल रहे जेल के अधिकारियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.