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सफाईगीरी: महात्मा गांधी का आपकी जिंदगी में क्या महत्व है? सदगुरु ने दिया ये जवाब

इंडिया टुडे के सफाईगीरी कार्यक्रम में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव ने जल और मिट्टी संरक्षण, नदी की सेहत और ग्रामीण विकास पर विस्तार से अपनी बात रखी. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि महात्मा गांधी की उनकी जिंदगी में क्या महत्व है तो उन्होंने रोचक जवाब दिया.

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ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु जग्गी वासुदेव (फोटो-आजतक)
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु जग्गी वासुदेव (फोटो-आजतक)

  • सदगुरु ने बताया मिट्टी और पानी का महत्व
  • गांवों का विकास था गांधी का सपना
  • उपजाऊ मिट्टी ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अहम
इंडिया टुडे के सफाईगीरी कार्यक्रम में ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव ने जल और मिट्टी संरक्षण, नदी की सेहत और ग्रामीण विकास पर विस्तार से अपनी बात रखी. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि महात्मा गांधी की उनकी जिंदगी में क्या महत्व है तो उन्होंने रोचक जवाब दिया. सदगुरु ने कहा कि महात्मा गांधी की जिंदगी के बारे में जो सबसे अच्छी बात थी वो ये थी कि वो ग्रामीण भारत में शक्ति का संचार करना चाहते थे वो इसे मजबूत और ऊर्जावान बनाना चाहते थे.

मिट्टी और पानी की महता की ओर इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर आप ग्रामीण भारत को पुनर्जीवित करना चाहते हैं तो क्या उपजाऊ मिट्टी और प्रचुर पानी जमा किये बिना ये संभव है? उन्होंने कहा कि यदि आप मिट्टी का संरक्षण चाहते हैं तो ये ऑर्गेनिक तत्व से ही संभव है और आर्गेनिक तत्व के नाम पर आपके पास पेड़ से गिरने वाले पत्ते और एनिमल वेस्ट ही हैं. पेड़ न होने की वजह से ये संभव नहीं है.

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आगे उन्होंने कहा कि कावेरी बेसिन में 87 प्रतिशत ग्रीन कवर समाप्त हो गया है, गंगा बेसिन में 92 प्रतिशत ग्रीन कवर खत्म है तो जमीन उपजाऊ कैसे बनेगी. उन्होंने कहा कि इस जमीन पर खेती करना किसान के लिए घाटे का सौदा हो गया है, और इसके बिना गांवों का विकास संभव नहीं है.

जग्गी वासुदेव ने कहा कि अगर आप गांवों को सशक्त बनाने के बापू के सपने को साकार करना चाहते हैं तो मिट्टी में उपजाऊपन लाना पड़ेगा. ऐसा होने पर पानी खुद-बखुद आएगा. उन्होंने कहा कि पानी का एक मात्र स्रोत मॉनसून की बारिश है. हम इस पानी का संरक्षण कर पाते हैं या नहीं ये बड़ा सवाल है. कार्यक्रम के दौरान Toilet Titan का पुरस्कार स्वदेश फाउंडेशन को दिया गया.

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